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फिर से मुश्किलों में आजम खां, अब डूंगरपुर प्रकरण में सुनाया जाएगा फैसला,


रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के विरुद्ध डूंगरपुर के एक अन्य मामले में शनिवार को फैसला सुनाया जाएगा। शाम चार बजे तक इस मामले में निर्णय आ सकता है। इसमें आजम खां समेत सात आरोपित हैं।

 

निर्णय के दौरान सभी आरोपितों को न्यायालय में मौजूद रहेंगे। आजम खां सीतापुर जेल में बंद हैं, जबकि पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर खां मुरादाबाद जेल में बंद हैं। उन्हें पुलिस सुरक्षा में यहां लाया जाएगा। बाकी आरोपित जमानत पर हैं।

सपा शासनकाल का है केस

डूंगरपुर प्रकरण सपा शासनकाल का है। तब पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर वर्ष 2016 में तोड़ दिया गया था। भाजपा की सरकार आने पर वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें एक मुकदमा जेल रोड निवासी एहतेशाम की तहरीर पर दर्ज हुआ था।

 

इसमें उनका कहना था कि वर्ष 2011-12 में उनके द्वारा डूंगरपुर में 373 गज जमीन खरीदी थी। इसमें थोड़ी सी जगह में छोटा सा मकान बनाकर वह परिवार के साथ रहने लगे। बाकी जगह में स्कूल खोलने की तैयारी थी।

 

मंत्री ने जनता दरबार में नहीं सुनी थी फरियाद

तीन फरवरी 2016 की रात नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन अजहर खां, तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन खां और बरेली के थाना इज्जतनगर में ग्राम कंजा निवासी बरकत अली ठेकेदार 20-25 पुलिस वालों को लेकर उनके घर में घुस आए। मकान से मारपीट कर बाहर निकाल दिया। घर में रखे 25 हजार रुपये और इंटेक्स कंपनी का मोबाइल लूट लिया। उन्होंने इसकी शिकायत तत्कालीन मंत्री आजम खां के जनता दरबार में की तो आजम खां ने उनकी बात सुनने के बजाय अभद्रता की।

मारपीट कर भगा दिया था

जनता दरबार में मौजूद ओमेंद्र सिंह चौहान, जिबरान, फरमान आदि ने उनके साथ मारपीट कर भगा दिया था। पुलिस ने जांच कर सभी के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए थे। मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। इस मामले अंतिम बहस हो चुकी है। पत्रावली फैसले के लिए सुरक्षित रख ली थी।

डूंगरपुर प्रकरण के एक मामले में आजम खां को मिल चुकी है राहत

सपा नेता आजम खां के विरुद्ध डूंगरपुर प्रकरण के एक मामले में फैसला हो चुका है। यह मामला रूबी पत्नी करामत अली की ओर से दर्ज कराया गया था। न्यायालय ने सुनवाई पूरी होने के बाद 31 जनवरी 2024 को इसमें फैसला सुनाते हुए आजम खां समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया था।

आजम खां के विरुद्ध वर्ष 2019 में ताबड़तोड़ 84 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें ज्यादातर न्यायालय में विचाराधीन हैं। अब तक कुल पांच मामलों में फैसला आ चुका है। इनमें तीन मामलों में उन्हें सजा हुई थी, जबकि दो मामलों में बरी हो गए थे।