Post Views: 672 श्रीश्री रविशंकर जब हम शब्दोंकी शुद्धता को अनुभव करते है, तो हम जीवन की गहराई को अनुभव करते हैं और जीवन जीना आरंभ कर देते हैं। हम सुबह से रात तक शब्दों को ही जीते हैं। हम इनके पीछे के उद्देश्यों को खोजनेमें और उद्देश्यताको खोजनेमें सारे उद्देश्य भूल जाते हैं। यह […]
Post Views: 360 अतुल गोयल बालश्रमके खिलाफ हर साल १२ जूनको विश्व बालश्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। पहली बार यह दिवस वर्ष २००२ में बालश्रमको रोकनेके लिए जागरूकता और सक्रियता बढ़ानेके लिए शुरू किया गया था। बालश्रम इतनी आसान समस्या नहीं है, जितनी लगती है। बच्चोंको उनकी इच्छाके विरुद्ध किसी भी प्रकारके काममें शामिल […]
Post Views: 733 आर.डी. सत्येन्द्र कुमार किसी भी देशकी अर्थव्यवस्थामें तेलकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसेमें तेलकी कीमतोंमें उछालका निश्चित अवधितक निर्णायक असर पड़ सकता है। ऐसेमें उत्पादनमें कटौतीके चलते तेलने लगभग १४ माहकी उच्चतम कीमत दर्ज की है। इसमें ओपेकके फैसलेने कटेपर नमक छिड़कनेका काम किया है। इससे सऊदी अरबने कहा है कि पिछले […]