पटना

बिहारशरीफ: एनएचएआई की आपत्ति के बाद गंगा पाइप परियोजन का एलाइनमेंट बदला


  • देवधा के पास से अब पावापुरी मोड़ के बजाय दीपनगर-नानंद रोड के किनारे बने नहर से गुजरेगी गंगा पाइपलाइन
  • एलाइनमेंट जरूर बदला लेकिन विभाग की तत्परता के कारण नये एलाइनमेंट पर भी चल रहा युद्ध स्तर पर काम
  • विभाग का दावा एलाइनमेंट बदलने से होगी करोड़ों की बजत और योजना के पूरा होने में समय की नहीं होगी बढ़ोतरी

बिहारशरीफ (आससे)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा उद्धव योजना के कार्यान्वयन में थोड़ी विलंब हो सकती है। वजह यह है कि एनएचएआई ने एनएच 20 के किनारे पाइपलाइन बिछाने पर आपत्ति जता दी है। हालांकि इस मामले को लेकर जल संसाधन विभाग ने गंभीरता दिखाई और आनन-फानन में नये एलाइनमेंट चुन कर उसपर काम शुरू कर दिया है। हालांकि जिस एलाइनमेंट पर काम चल रहा है उसमें थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है, लेकिन विभाग चाह रहा है कि निर्धारित समय तक पाइपलाइन लेइंग का कार्य पूरा कर लिया जाय।

अब जल संसाधन विभाग एनएच 20 के किनारे देवधा से लेकर पावापुरी तक के रास्ते में बिछे पाइपलाइन को उखाड़ रही है। अब पाइपलाइन दीपनगर-नानंद-धरहरा रोड के किनारे जल संसाधन विभाग के नहर के किनारे से गुजर रही है। विभाग ने घोड़ाकटोरा से निकले नहर के किनारे के तटबंध को काटकर उसी के नीचे पाइप लेइंग का काम शुरू किया है। इस पर काम तेजी से चल रहा है। हालांकि विभाग की मानें तो एलाइनमेंट बदले जाने से विभाग को 30 से 40 करोड़ की बचत होगी। अन्यथा कई स्थानों पर जमीन खरीदनी पड़ती।

विभाग हर हाल में गंगा प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने के प्रति कटिबद्ध है और इसके लिए जुलाई 2021 तक काम पूरा कर लेना है। इसी को ध्यान में रखते हुए कई मशीन लगाकर नहर के तटबंध को काटकर खुदाई चल रही है और दिन रात उसमें पाइप लेइंग किया जा रहा है। पाइप लेइंग के बाद नहर से मिट्टी को फिर से तटबंध पर रखा जा रहा है। इससे एक फायदा यह भी हो रहा है कि तटबंध दुरूस्त हो रहा है और नहर तल की खुदाई भी हो जा रही है।

गंगा उद्धव योजना के तहत अब तक लगभग 45 किलोमीटर का पाइपलाइन बिछाया जा चुका है। हथिदह से घोड़ाकटोरा तक लगभग 91 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाना है, जिसके तहत मोकामा से सरमेरा, बिंद, रहुई के रास्ते एनएच के नये बाइपास होते हुए देवधा के पास एनएच 20 के मुहान तक पाइप बिछ चुका है। हालांकि पाइप बिछाने का काम यहां से पावापुरी तक भी लगभग पूरा हो चुका था, लेकिन अब उसे उखाड़ा जा रहा है, अब यह नये मार्ग से बिछाया जा रहा है।

घोड़ा कटोरा में डैम बनाया जा रहा है, जहां तक पानी का बहाव तेज होना है। इसलिए छः मीटर व्यास वाला पाइप बिछाया जा रहा है। यहां से स्टोरेज के बाद पानी फिल्टर होकर राजगीर जायेगा और फिर दूसरे रास्ते से नवादा जाना है। इससे आगे गया तक भी पाइपलाइन से पानी जाना है, जिसके लिए कम व्यास का पाइप इस मार्ग में बिछ रहा है।

घोड़ाकटोरा में भी डैम निर्माण का काम जोर-शोर से चल रहा है। 56 फीट ऊंचा जलाशय बनाया जाना है, जिसके लिए लगभग 10 फीट तक की दीवार पूरी हो चुकी है। 350 एकड़ में जलाशय बन रहा है, जिसके लिए सरकारी जमीन और आवश्यकतानुसार निजी जमीन अधिगृहित किया गया है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि इस बरसात में गंगाजल घोड़ाकटोरा तक पहुंचे और फिर पहले फेज में राजगीर के लोगों को पीने का शुद्ध जल मिलेगा।

बताते चले कि एनएचएआई द्वारा एनएच 20 का निर्माण चल रहा है। पिछले कुछ माह पूर्व इस सड़क के फोरलेनिंग की मंजूरी मिली है। रजौली से बिहारशरीफ के रास्ते बख्तियारपुर तक इस सड़क को फोरलेनिंग किया जा रहा है। इसी के किनारे से पाइप लेइंग का कार्य हो रहा था, लेकिन एनएचएआई का कहना था कि सड़क निर्माण में रोलर, वाइब्रेटर आदि के चलने से पाइपलाइन बैंड या क्रैक हो सकता है। ऐसे में जल संसाधन विभाग ने वैकल्पिक मार्ग की तलाश की।