पटना

बिहारशरीफ: गिरियक के पुरैनी पंचायत के दो अभ्यर्थियों का नियोजन रद्द कर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश


      • काउंसेलिंग के बावजूद दूसरे को नियोजित करने के मामले में बेन के आंट के पंचायत सचिव से स्पष्टीकरण
      • सिलाव के पावाडीह पंचायत के मुखिया के निराधार आरोप को शिक्षा विभाग ने किया खारिज

बिहारशरीफ (आससे)। शिक्षक नियोजन में प्राप्त शिकायतों की सुनवाई के उपरांत जिला शिक्षा विभाग द्वारा कार्रवाईयों का सिलसिला जारी है। इसके साथ हीं गलत आरोपों को भी निष्पादित करने का काम किया जा रहा है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा निर्गत आदेश में गिरियक प्रखंड के पंचायत नियोजन इकाई पुरैनी के पंचायत सचिव सह सदस्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि 12 जुलाई को फर्जी तरीके से तनीषा रक्षित, पिता-महेश लाल, मोहल्ला-चांद चौरा, जिला-गया तथा मेघा कुमारी, पिता-विनोद बिहारी लाल, मोहल्ला-चकदीवान, जिला-शेखपुरा के फर्जी नियोजन की चयन को निरस्त करना सुनिश्चित करें और दोनों के विरुद्ध काउंसेलिंग में अनियमितता बरतने, गलत कागजात प्रस्तुत करने जैसे संगीन मामलों प्राथमिकी दर्ज करना सुनिश्चित करें। उक्त दोनों अभ्यर्थियों के विरुद्ध प्राप्त शिकायत के आलोक में जब सुनवाई हुई तो मामला सामने आया कि लोगों ने गलत कागजात प्रस्तुत कर अपना चयन करवाया था।

हालांकि दूसरी ओर ग्राम पंचायत राज पावाडीह, प्रखंड सिलाव के मुखिया द्वारा आरोप लगा था कि क्रम संख्या 1 से लेकर 50 तक का पुकार किये बगैर आगे के लोगों को काउंसेलिंग कर दिया गया है। मुखिया का आरोप है कि 1 से 50 तक के अभ्यर्थी को काउंसेलिंग के लिए पुकारा गया परंतु इसके उपरांत के अभ्यर्थियों को बिना पुकारे काउंसेलिंग कर दिया गया। लेकिन इनका आरोप गलत पाया गया और उनके आवेदन को निरस्त कर दिया गया।

इधर दूसरी ओर प्रारंभिक नियोजन इकाई आंट, प्रखंड-बेन के पंचायत सचिव सह सदस्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि चयनित अभ्यर्थी रूपा रानी, पिता-केदारनाथ शर्मा को चयन करने के उपरांत अर्चना कुमारी का चयन क्यों किया गया? इस संबंध में तीन दिन में स्पष्टीकरण दें। आरोप में कहा गया है कि काउंसेलिंग के बाद प्राप्ति रसीद भी दी गयी, लेकिन काउंसेलिंग के उपरांत रूपा रानी के जगह अर्चना कुमारी का नाम सूची में डाल दिया गया।