पटना

बिहारशरीफ: ज़िले के प्रसिद्ध फिजिसियन डॉ॰ कृष्णा प्रसाद ने कहा कोविड को लेकर पैनिक नहीं हों लोग


      • अभी टाईफ़ाइड और इनफूलूँजा के केश भी बढ़े हैं
      • वेबजह न करें ओकसीजन सिलेंडर का स्टोरेज इससे बच सकती है किसी जरूरतमंद की जान
      • घर में हों आइसोलेट और फ़ोन से जुड़े रहें मेडिकल टीम से
      • कोविड रिकभरेबल डिजिज बस कुछ मामले को छोड़कर

 

बिहारशरीफ (आससे)। कोविड-19 को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं और ना ही बेवजह बुखार, सर्दी आने पर अस्पताल की दौड़ लगानी चाहिए ऐसा करने से लोग अस्पताल दौड़- दौड़ कर संक्रमित हो रहे हैं। कॉविड के सभी मामले जानलेवा नहीं है कुछ एक केस  क्रिटक़ल हो जा रहे हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जो लोग संक्रमित हैं वह पैनिक हो जाएं।

बिहारशरीफ़ ही नहीं जिले के जाने-माने फिजीशियन डॉ कृष्णा प्रसाद का “आज” से बातचीत में बताया कि निश्चित तौर पर करोना कुछेक मामले में जानलेवा है लेकिन ऐसे मामले बहुत कम है आज के दिनों में टाइफाइड के रोगी भी अधिक मिल रहे हैं ऐसा नहीं कि इस साल बलिक हर साल अप्रैल-मई के महीने में टाइफाइड रोगियों की संख्या बढ़ती है।

इन दिनों इन्फ्लूएंजा के ढ़ेर मामले  सामने आ रहे हैं। इन का भी लक्षण कोविड-19 से मिलता  जुलता है। ऐसे में लोग बुखार सर्दी होने पर अपने को कोविड-19 का रोगी माल ले रहे हैं। लोग  सतर्क है यह अच्छी बात है लेकिन न तो बे खुद  पैनिक  हों और ना दूसरे को पैनिक करें। डॉ प्रसाद ने बताया कि निश्चित तौर पर हाल के दिनों में कोविड   केस बढ़ा है और कुछ लोगों की जान भी गई है, लेकिन कई लोगों की जान सिर्फ़ पैनिक होने से गई है। ऐसे में लोग पैनिक न हो।

अधिक से अधिक लोग संक्रमित रहने पर घरों में आइसोलेट हैं, ऐसे लोग मेडिकल टीम के साथ या फिर अपनी चिकित्सक के साथ जुड़े रहें। बेवजह जब तक कोई लक्षण न है  तो घरों में बिना मतलब के ऑक्सीजन का स्टोरेज न करें। क्योंकि इसकी ज़रूरत और लोगों को है। उनहें ये सोचना चाहिये की जिस सिलेंडर को बेवजह घरों में स्टोर कर रहे हैं अगर अस्पताल और बाज़ार में होगा तो कई लोगों की जान बचेगी।

डॉक्टर प्रसाद ने यह भी कहा की बगैर किसी लक्षण के दिन में कई बार ऑक्सीमीटर लगाते रहना भी ठीक नहीं है। निश्चित तौर पर ऑक्सीमीटर में जो रिडिंग आता  है कभी आगे और पीछे होते रहता है, देखा जा रहा है कि इसको लेकर ढेर सारे लोग पैनिक होकर ऑक्सीजन की तलाश शुरू कर देते हैं। जबकि सच यह है कि ऑक्सीजन लेवल यह 80- 85 भी आ जाए तो पैनिक नहीं होना है निश्चित तौर पर अगर रीडिंग गिरता है तो डॉक्टर से सलाह लेकर आगे की कार्रवाई करें अन्यथा कोई परेशानी नहीं हो तो जल्द ही ऑक्सीजन लेवल मेंटेन हो जाता है। खास बात यह है कि जब ऑक्सीजन लेवल लगातार घटता जाए तो चेस्ट  का एक्सरे और संभव हो तो सीटी स्कैन करा कर देखना चाहिए और अगर लंस की स्थिति ठीक रही तो जल्द ही केश रिकवर होता है ।

डॉ प्रसाद ने बताया कि हाल के दिनों में जिले में जो रोगी मिल रहे हैं उनमें काफी रोगी टाइफाइड से ग्रसित मिल रहे हैं। इसका इलाज कराएं। दूषित पानी ना पिए, उन्होंने बताया कि आजकल गांव में वायरल फीवर होने पर भी लोग उन्हें उनका इलाज करना छोड़ दिए हैं कोई दवा सुई देने वाला नहीं मिल रहा है जबकि सच यह है कि हर सर्दी खांसी और बुखार कोविड  नहीं होता लेकिन अगर किन्ही में लक्षण मिले तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जांच करा लें।

सरकार द्वारा निशुल्क पर्याप्त मात्रा में जांच की व्यवस्था है। और तो और पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें मेडिकल किट भी दिया जाता है, जिसमें होम आइसोलेशन के दौरान उपयोग की जाने वाली दवा उपलब्ध होती है। साथ ही खाने का तरीका भी लोगों को  बताया जाता है। बगैर पैनिक हुए घर में अपने को सबसे अलग रखते हुए दिए गए निर्देश का पालन करना चाहिए और यही इस बीमारी का सही इलाज होगा। उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक घरों में रहने, बाहर निकलने पर मास्क लगाने लोगों से दूरी बनाकर रहने और हाथ को साबुन से धोने यह सेनीटाइज करते रहने की अपील की है।

डॉ प्रसाद ने कहा कि कोविड-19 ठीक होंने वाली बीमारी है बस कुछ एक मामले को छोड़कर। उन्होंने लोगों से यह भी अपील की कि जल्द से जल्द बारी आने पर  टीका केंद्र पर जाकर टीका लगाएं जब तक हर लोग टीका नहीं लगा लेते तब तक बीमारी से मुक्ति नहीं मिल सकती। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड का टीका 100% सुरक्षित है और इसका फायदा ही फायदा है।