पटना

बिहारशरीफ: प्रोत्साहन राशि बढ़ाने को लेकर विम्स के फाइनल ईयर स्टूडेंट्स ने किया प्रदर्शन


जूनियर डॉक्टरों ने कहा आठ घंटा के लिए मजदूरों को मिलती है 470 रुपया और जूनियर डॉक्टरों को 12 घंटे के लिए मिलता है पांच सौ रुपया

बिहारशरीफ (आससे)। वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान, पावापुरी (विम्स) के एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रें ने टेलीमेडिसिन की प्रोत्साहन राशि को लेकर सोमवार को प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद छात्रों ने विम्स के प्राचार्य प्रो॰ डॉ॰ पी॰के॰ चौधरी को ज्ञापन सौंपा।

विम्स के एमबीबीएस अंतिम वर्ष के 64 छात्र पिछले 19 मई से सरकार के आदेश पर टेलीमेडिसिन सेवा दे रहे है। इसके लिए उन्हें प्रति शिफ़्ट पांच सौ रुपया प्रोत्साहन राशि मिल रही है। टेली मेडिसिन सेवा में फाइनल ईयर के छात्र 24 घंटे काम कर रहे है। सोमवार को इसी प्रोत्साहन राशि को बढ़ाने को लेकर छात्रों ने सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन किया।

कॉलेज के छात्र प्रभाकर रंजन, अभिषेक कुमार, पुष्पेंद्र कुमार, रश्मि सिंह, सानू प्रिया, नंदन कुमार, मुकूल आदि लोगों ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में वे लोग लगे हुए हैं लेकिन सरकार द्वारा प्रति शिफ़्ट मात्र पांच सौ रुपया का प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। जबकि मजदूरों के आठ घंटे की दैनिक मजदूरी 470 रुपया है। जबकि मेडिकल के छात्र सुबह 08 बजे से शाम 08 बजे तक 12 घंटे का काम कर रहे है। ऐसे में मिलने वाला यह प्रोत्साहन राशि निःसंदेह कम है।

छात्रों का कहना था कि कि आईजीआईएमएस के इंटर्नशिप के छात्रों को सरकार प्रति शिफ़्ट एक हजार रुपया मानदेय दे रही है। कई अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी मानदेय की राशि एक हजार रुपया है। लेकिन विम्स के साथ भेदभाव हो रहा है। वे लोग एक हजार रुपया प्रोत्साहन राशि की मांग कर रहे थे।