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- नियमित कर संग्रहकर्ता को बरखास्त करने का निर्णय जबकि कमीशनधारी दो कर संग्रहकर्ता को स्पष्टीकरण
- ट्रेड लाइसेंस में शत-प्रतिशत वसूली करने के साथ ही प्रोपर्टी टैक्स जमा नहीं करने वाले 11 के विरुद्ध सर्टिफिकेट केस
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बिहारशरीफ। बिहारशरीफ नगर निगम के विभिन्न स्रोतों से राजस्व वसूली की समीक्षा नगर आयुक्त तरणजोत सिंह ने किया। समीक्षा में उप नगर आयुक्त जयेश कुमार सिन्हा, विनोद कुमार रजक, सत्येंद्र प्रसाद वर्मा के अलावे राजस्व पदाधिकारी, सहायक राजस्व पदाधिकारी एवं सभी कर संग्रहकर्ता भी उपस्थित थे।
बैठक में नगर आयुक्त द्वारा राजस्व संग्रह में प्रोपर्टी टैक्स वसूली हेतु पूर्व में लक्ष्य 72 प्रतिशत निर्धारित की गयी थी, जिसमें वृद्धि करते हुए कुल वसूली 76-83 प्रतिशत हो गयी है। 31 जनवरी तक सभी कर संग्रहकर्ता को वार्डवार वसूली का लक्ष्य निर्धारित करते हुए कुल 82 प्रतिशत वसूली करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। राजस्व वसूली में लगातार रूचि नहीं लेने तथा कार्यालय स्तर से दिये गये दायित्वों का निर्वहन सही ढंग से नहीं करने के आलोक में नियमित कर संग्रहकर्ता कपिलदेव रविदास की बरखास्तगी से संबंधित प्रस्ताव नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजे जाने हेतु राजस्व पदाधिकारी को निर्देश दिया। साथ हीं दो कमीशनधारी कर संग्रहकर्ता को वसूली में अपेक्षाकृत प्रगति लाने हेतु राजस्व पदाधिकारी को स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया।
आम जनों की सुविधा हेतु राजस्व अदायगी ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से किये जाने की भी समीक्षा हुई। समीक्षा उपरांत नगर आयुक्त द्वारा उप नगर आयुक्त एवं राजस्व पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि आगामी माह में पूर्ण ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा मुहैया कराएं। ट्रेड लाइसेंस की वसूली शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए सभी कर संग्रहकर्ता को लक्ष्य दिया गया। साथ हीं राजस्व पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि सभी दुकानों को ट्रेड लाइसेंस नगर निगम से प्राप्त करने हेतु शहर में माइकिंग कराएं।
बैठक में उप नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि नगर निगम का प्रोपर्टी टैक्स का अत्यधिक दिनों से भुगतान नहीं करने वाले 11 व्यक्तियों पर सर्टिफिकेट केस दर्ज किया गया है, जिसके तहत 41 लाख की वसूली होनी है। नगर निगम अधीन सैरात और मार्केट की वसूली से संबंधित विस्तृत विवरणी भी मांगी गयी। इसके साथ हीं नगर निगम अपने मार्केट का नया किराया का निर्धारण भी एसडीओ से करवायेगा। सभी कर संग्रहकर्ता को लक्ष्य के अनुरूप वसूली की हिदायत दी गयी।