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- जिला अभियोजन पदाधिकारियों से विभिन्न मामलों में चल रही कार्रवाई का मासिक प्रतिवेदन देने को कहा
- चिकित्सकों को पोस्टमार्टम और इंजरी सॉफ्टवेयर पर देने के लिए मेडिको लीगल वर्कशॉप कराने का दिया निर्देश
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बिहारशरीफ। जिला अभियोजन पदाधिकारियों को अत्याचार अधिनियम के तहत वादों में अभियोजन की स्थिति विभागीय फॉर्मेट में मासिक रूप से उपलब्ध कराना होगा ताकि इस मामले में लाभुकों को सरकारी लाभ ससमय मिल सके। यह निर्देश जिला पदाधिकारी योगेंद्र सिंह ने अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित समीक्षा बैठक में दी। डीएम ने कहा कि डीएलएसएसए बात कर गवाह सुरक्षा पर एक कार्यशाला आयोजित करने की जरूरत है। पुलिस विभाग तथा विभिन्न न्यायालयों से आये प्रतिवेदन में संख्यात्मक अंतर ना रहे इसपर ध्यान देने की बात कही।
डीएलएमसी की बैठक में गृह विभाग के एजेंडे को भी चर्चा में शामिल करने को कहा। साथ हीं उत्पाद तथा पॉक्सो से संबंधित वादों में कनविक्शन की जानकारी ली। मद्य निषेध में कम लोगों के कनविक्शन होने पर डीएम ने चिंता जाहिर की।
स्पीडी ट्रायल वादों, आर्म्स एक्ट तथा बेल पिटिशन के कैंसिलेशन की भी डीएम ने समीक्षा की। इसके साथ हीं इंजरी रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए बनायी जा रही सॉफ्टवेयर की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने मेडिको लीगल वर्क सौंपकर चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया ताकि लीगल पहलू को ध्यान में रखकर उसका रिपोर्ट आ सके।