पटना

बिहारशरीफ: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सताई अपनों की याद- जिले के सभी 20 प्रखंडों में जाकर कार्यकर्ताओं और पुराने सहयोगियों से करेंगे बात


      • पुराने सहयोगी जो अब नहीं रहे उनके परिजनों को भी भेजा गया बुलावा और उनसे भी करेंगे मुलाकात
      • नालंदा और बाढ़ संसदीय क्षेत्र से रहे सांसद नीतीश कुमार दोनों ही लोकसभा के प्रत्येक प्रखंडों के निकले हैं यात्रा पर
      • रहुई, हरनौत के हर गांव के नुक्कड़ पर अभी बस नीतीश कुमार की यात्रा की ही है चर्चा
      • दोनों प्रखंडों के शायद ही किसी गांव के गली रही हो ऐसी जिससे ना गुजरे हो नीतीश

बिहारशरीफ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समय-समय पर अलग-अलग यात्राओं में निकलते रहे है। इसी यात्रा के क्रम में वे नालंदा में आ चुके है। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार नालंदा की ऐसी यात्रा पर है जो कभी वो सांसद रहते किया करते थे। नीतीश कुमार का नालंदा दौरा इस बार जिले के लोगों को पुरानी यादें ताजा करा रही है। मुख्यमंत्री का सोच भी पुराने लोगों को याद करना ही है। कार्यक्रम का कोई नाम तो नहीं दिया गया है लेकिन उनका उद्देश्य है जिले के वैसे साथी जो उनके पुराने समय के सहयोगी रहे है और उनकी व्यस्तता या फिर अन्य वजहों से जो लोग उनसे मिल नहीं पा रहे है खुद उनके पास जाकर उनसे मिले और उनकी सुख-दुख की जानकारी शेयर करें। इस यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री वैसे सहयोगी के परिजनों से भी मिलेंगे जो उनके राजनीति के शुरुआती दौर से साथ रहे लेकिन अब इस दुनिया में नहीं रहे। ऐसे लोगों को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी राजनीति की शुरुआत तत्कालीन हरनौत विधानसभा से किये थे। तब इस विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा हरनौत और रहुई प्रखंड हुआ करता था। 1977 से वे इस क्षेत्र से जुड़े रहे। हालांकि वे पहली बार 1985 में यहां से विधायक चुने गये और इसी बीच वे बाढ़ संसदीय क्षेत्र से एमपी बने। तब नालंदा जिले का हरनौत और चंडी विधानसभा क्षेत्र इस लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा रहा था, जिसमें रहुई, हरनौत के अलावे जिले के चंडी, नगरनौसा और थरथरी प्रखंड हुआ करता था। इसके अलावे पटना जिले के विधानसभाई क्षेत्र थे। अब बाढ़ नामक कोई लोकसभा क्षेत्र नहीं रहा और तत्कालीन चंडी विधानसभा क्षेत्र भी नहीं रहा। अब पूरे नालंदा जिला नालंदा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हो गया। श्री कुमार नालंदा संसदीय क्षेत्र से भी सांसद चुने गये और सांसद रहते बिहार के मुख्यमंत्री बने।

नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री का कार्यकाल का डेढ़ दशक पूरा हो गया है। इसी बीच व्यस्तताएं भी बढ़ी। यही वजह रही कि लोगों से लगातार मुलाकात नहीं हुई अन्यथा विधायक और सांसद के साथ केंद्रीय मंत्री रहते हर छुट्टी के दिनों में संसदीय क्षेत्र से जुड़े रहे। हालांकि मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिये वे लगातार नालंदा से जुड़े रहे लेकिन सरकारी कार्यक्रम होने के नाते चाह कर भी अपने सभी पुराने साथी और समर्थकों से नहीं मिल पाते थे। हालांकि सुख-दुख शेयर करने वे बराबर आते रहे, लेकिन इस बार नीतीश कुमार ने अपने कार्यक्रम को व्यापक रूप दिया है।

यह कार्यक्रम तो आज से तीन-चार महीने पूर्व ही होना था, लेकिन कोविड के तीसरी लहर के कारण इसे आगे बढ़ाया गया और अब कार्यक्रम की शुरुआत होने वाली है। पुराना बाढ़ संसदीय क्षेत्र में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम चल भी रहा है। नालंदा में इसकी शुरुआत 16 मार्च को चंडी, नगरनौसा और थरथरी के यात्र से होगी। जबकि 17 मार्च यानी होलिका दहन के दिन नीतीश कुमार रहुई और हरनौत प्रखंड पहुंचेंगे। इस दौरान नीतीश कुमार अपने पुराने एवं नये समर्थकों के अलावे वैसे लोग जो अब नहीं रहे उनके परिजनों से भी मिलेंगे। उनकी समस्याओं को सुनेंगे और सुख-दुख बांटेंगे।

मुख्यमंत्री के इस यात्रा को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जबरदस्त उत्साह हैं। खासकर पुराना हरनौत और चंडी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांव में इस बात की पुरजोर चर्चा है। रहुई और हरनौत में तो हर गांव के हर नुक्कड़ पर मुख्यमंत्री के यात्रा की ही चर्चाएं है। वजह यह है कि लगभग 47 वर्षों से नीतीश कुमार का इन दोनों प्रखंडों से गहरा रिश्ता रहा है। तब से अब तक शायद ही कोई गांव की गलियां छूटी होंगी जिसका अवलोकन नीतीश कुमार ना किये हो। कोई ऐसा गांव नहीं है जहां के 10-20 लोगों के नाम आज भी उनके जुबान पर नहीं है। राजनीति के बुरे दिन से लेकर अच्छे दिन तक की यादें आज भी उन्हें याद आती होगी। शायद यही वजह रही कि अपनी व्यस्तताओं के बावजूद इतना लंबा-चौड़ा कार्यक्रम रखा है।

जो कार्यक्रम तय है उसके अनुसार 01 अप्रैल को हिलसा, करायपरशुराय और परबलपुर, 02 अप्रैल को कतरीसराय, सरमेरा, बिंद और अस्थावां, 03 अप्रैल को बेन, नूरसराय, बिहारशरीफ के ग्रामीण क्षेत्र, 05 अप्रैल को एकंगरसराय, इस्लामपुर, 06 अप्रैल को राजगीर, सिलाव एवं गिरियक तथा 07 अप्रैल को बिहारशरीफ में मुख्यमंत्री का यात्रा तय है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नालंदा दौरे के दौरान उनके पुराने सहयोगियों और कार्यकर्ताओं द्वारा जबरदस्त स्वागत की तैयारी है। लोग अपने-अपने स्तर से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की तिथि आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे है। यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार जिले के सभी 20 प्रखंडों का लगातार दौरा करेंगे। सभी स्थलों पर पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा पंडाल, मंच आदि की व्यवस्था की जा रही है। जिले के सांसद, विधायक, विधान पार्षद, पूर्व विधायक, पार्टी के जिला एवं प्रखंडस्तरीय कार्यकर्ता लगातार अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यक्रम की तैयारी को लेकर जुटे हुए है। कहीं मंच बन रहा है तो कहीं तैयारी चल रही है। कहीं पार्टी के पुराने सहयोगियों को खबरें भेजी जा रही है। कुल मिलाकर जिले में अचानक राजनीतिक उबाल आ गया है।