पटना

बिहारशरीफ: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने डीएम को लिखा पत्र- जिले के 17 प्रखंड नियोजन इकाईयों द्वारा किये गये नियोजन का टीम बनाकर जांच करने को कहा


      • फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल हुए 26 अभ्यर्थियों पर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई शुरू, तीन पर दर्ज हुआ मुकदमा
      • प्रखंड नियोजन इकाई थरथरी एवं नगरनौसा की आहूत काउंसेलिंग को किया गया रद्द
      • अपर मुख्य सचिव ने जांच के बाद इसके लिए दोषी अधिकारी और कर्मियों पर भी कार्रवाई का दिया निर्देश

बिहारशरीफ (आससे)। जिले में शिक्षक नियोजन में बरती गयी गड़बड़ियां के आलोक में अब तक या तो काउंसेलिंग स्थगित की गयी थी या फिर काउंसेलिंग रद्द किया गया था। लेकिन अब अनियमितता बरतने वालों के विरुद्ध कार्रवाई भी शुरू हो गयी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने ट्विट कर इसकी जानकारी दी है। अपने ट्विट में प्रधान सचिव ने लिखा है कि नालंदा जिले में फर्जी तरीके से बहाल किये गये 26 अभ्यर्थी जो इस्लामपुर, एकंगरसराय, बिंद, सरमेरा, नूरसराय, चंडी और बेन ब्लॉक के है द्वारा बीटीईटी सर्टिफिकेट में गड़बड़ी कर काउंसेलिंग करवाया है। इन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई और जांच के लिए डीएम, नालंदा से विभाग को रिक्वेस्ट करने को कहा गया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर सभी 19 प्रखंड नियोजन इकाईयों के नियोजन की जांच कमेटी बनाकर कराने तथा दोषी अधिकारियों और कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा है। अपर मुख्य सचिव के पत्र के बाद जिला शिक्षा विभाग में हड़कंप व्याप्त है।

इधर दूसरी ओर अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने जिला पदाधिकारी नालंदा को पत्र लिखा है, जिसमें 19 प्रखंडों के नियोजन इकाईयों में वर्ग 1 से 5 एवं वर्ग 6 से 8 के लिए आहूत काउंसेलिंग के उपरांत अभ्यर्थियों का चयन सूची एवं प्रमाण पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराये जाने का उल्लेख करते हुए कुल 19 नियोजन इकाईयों में संपन्न हुई काउंसेलिंग की स्थिति से अवगत कराया है। अपर मुख्य सचिव ने पत्र में कहा है कि प्रखंड नियोजन इकाई थरथरी के वर्ग 1 से 5 के लिए चयनित 24 अभ्यर्थियों की सूची से अनुमोदित अंतिम मेधा सूची का मिलान करने पर दो अभ्यर्थियों का मेधा अंक में अंतर तथा 6 अभ्यर्थियों के बीईटीईटी का प्रमाण पत्र गलत एवं एक अभ्यर्थी का जाति प्रमाण पत्र संदिग्ध पाया गया है।

इसी प्रकार प्रखंड नियोजन इकाई नगरनौसा द्वारा वर्ग 1 से 5 के लिए चयनित 42 अभ्यर्थियों की सूची से मेधा सूची का मिलान करने पर क्रम संख्या 1 से 100 तक के अभ्यर्थियों के मेधा अंक में 5 से 20 प्रतिशत तक बढ़ाया हुआ पाया गया है, जिसके आधार पर कुल 6 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है तथा क्रमांक संख्या 100 के बाद मेधा अंक सही पाया गया है।

अपर मुख्य सचिव ने पत्र में लिखा है कि 17 नियोजन इकाईयों द्वारा उपलब्ध कराये गये अभ्यर्थियों की सूची एवं मूल प्रमाण पत्र को अंतिम मेधा सूची से मिलान नहीं किया जा सका है। जिला शिक्षा पदाधिकारी नालंदा के द्वारा प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर 10 अगस्त 2021 को प्रखंड नियोजन इकाई थरथरी एवं प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई नगरनौसा में आहूत काउंसेलिंग को रद्द करने की अनुमति प्रदान की गयी है। तदक्रम में यह निर्देश दिया जाता है कि सभी प्रखंड नियोजन इकाईयों द्वारा तैयार किये गये अंतिम मेधा सूची की काउंसेलिंग एवं चयन सूची की विस्तृत जांच के लिए जांच दल गठन शीघ्र किया जाय एवं गठित जांच दल को निर्देश दिया जाय कि सभी प्रखंड नियोजन इकाई द्वारा तैयार किये गये मेधा सूची, काउंसेलिंग एवं चयन सूची की विस्तृत जांच करें तथा जांचोपरांत मेधा सूची की गलत रचना एवं काउंसेलिंग में अनियमितता के लिए दोषी पदाधिकारी और कर्मी को चिन्हित करे। तदोपरांत चिन्हित पदाधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनिक एवं दंडात्मक कार्रवाई हेतु संबंधित प्राधिकार को अनुशंसा प्रेषित करते हुए इस कार्रवाई की सूचना उन्हें भी उपलब्ध कराये।

बताते चले कि नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी केशव प्रसाद ने निदेशक प्राथमिक शिक्षा अमरेंद्र प्रसाद सिंह को पत्र लिखकर जिले के 19 प्रखंड नियोजन इकाईयों में अपने द्वारा कराये गये जांच और उसमें पायी गयी अनियमितता का उल्लेख करते हुए चिन्हित अभ्यर्थियों का चयन रद्द करने अथवा पूरी काउंसेलिंग को रद्द करने का मार्गदर्शन मांगा था।

अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि जाली सीटीईटी और बीटीईटी प्रमाण पत्र का उपयोग करने वाले के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करे। इस आलोक में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी इस्लामपुर द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी भी जा चुकी है। बताते चले कि राजाराम रविदास, श्रीकांत कुमार और दिनेश चौधरी जो तीनों अभ्यर्थी एससी कोटे के थे गलत टीईटी प्रमाण पत्र पेश कर मेधा सूची में अपना स्थान बनाया था। इन तीनों पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। इसी प्रकार एकंगरसराय में अनामिका कुमारी, कंचन कुमारी और मनोज कुमार द्वारा दिया गया सीटीईटी प्रमाण पत्र तथा गुड़िया कुमारी एवं शालिनी शर्मा द्वारा दिया गया टीईटी प्रमाण पत्र गलत पाया गया।

इन पांचों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश एकंगरसराय के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दिया गया है, जबकि सरमेरा प्रखंड के कन्हैया कुमार जो बीसी कोटे से आये थे का बीटीईटी प्रमाण पत्र गलत पाया गया। इसी प्रकार नूरसराय में ईबीसी कोटे के धनंजय कुमार का नियोजन गलत पाया गया। इसी प्रकार चंडी प्रखंड नियोजन इकाई के अभ्यर्थी प्रियंका कुमारी, रूबी कुमारी तथा रंजीत कुमार जो ईबीसी कोटे के थे का टीईटी प्रमाण पत्र गलत पाया गया। इसी नियोजन इकाई के एससी कोटे से चयनित सपना कुमारी, पूजा कुमारी, प्रीति कुमारी, मीरा कुमारी, संजू कुमारी, किरण कुमारी चौहान, चंद्रकला कुमारी, भारती कुमारी, सत्येंद्र पासवान, संजीव कुमार तथा रविता कुमारी सहित 14 अभ्यर्थियों का टीईटी प्रमाण पत्र गलत पाया गया। इन सबों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश चंडी के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दिया गया है।

इसी प्रकार बेन प्रखंड के ईबीसी कोटे के ममता कुमारी का टीईटी प्रमाण पत्र गलत पाया गया, जबकि बिंद के ईबीसी कोटे से नियुक्त सीमा कुमारी का टीईटी प्रमाण पत्र भी गलत पाया गया। इन लोगों के विरुद्ध भी संबंधित बीईओ को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।