पटना

बिहारशरीफ: सूचना पर पहुंची होती पुलिस तो नहीं होता लोदीपुर नरसंहार


      • मृतक के परिजनों का आरोप कि ‘‘थानेदार ने कहा पहले आपस में फरिया लो तब जायेगी पुलिस’’
      • काफी दूर तक सड़कों और गलियों में खून के छींटे और इधर-उधर बिखरा लोगों का शव बता रहा था कि कैसे खदेड़-खदेड़ कर मारी गयी गोली
      • पुलिस छावनी में तब्दील है गांव और गांव की गलियों में मिल रहा है कारतूस का खोखा और पैकेट
      • 50 बीघा जमीन का था विवाद जिसमें सभी पक्षों ने थाना को बांड लिखकर दिया था कि न्यायालय के फैसला आने तक नहीं जोतेंगे खेत

बिहारशरीफ (आससे)। जिले का छबिलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में बुधवार को हुए नरसंहार मामले में बाप तथा दो बेटा के अलावे एक हीं परिवार के लोग शामिल है। घटना के बाद मृतक के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। महिलाओं कानन-क्रंदन से पूरा गांव का माहौल गमगीन हो गया है। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील है।

रो रही महिलाओं का आरोप है कि समय रहते स्थानीय पुलिस को सूचना दी थी, लेकिन पुलिस तब पहुंची जब सब घटनाएं घट चुकी थी। दो सौ राउंड के करीब गोली चलने की जानकारी लोग दे रहे है। गांव में जगह-जगह पर कारतूस के खोखे भी बरामद हो रहे है। गांव की गलियां खूनों से सना पड़ा है। गांव के लोग थानाध्यक्ष को निलंबित कर कार्रवाई करने की मांग कर रहे है।

मृतक के परिजनों का आरोप है कि जब वे लोग छबिलापुर थानेदार को इसकी सूचना दिये तो थानेदार ने कहा कि पहले तुम लोग आपस में ही फरिया लो तब हम पहुंचेंगे। मृतक यदु यादव का पुत्र कृष्णदेव यादव का आरोप है कि पुलिस चाहती तो लोगों की जान बच सकती थी। खेत जोते जाने की शिकायत पुलिस से की थी, लेकिन थानेदार ने साफ कहा था कि आपस में फरिया लो पुलिस अभी नहीं जायेगी। इसके बाद हीं बदमाशों ने तांडव मचाया। खदेड़-खदेड़ कर लोगों को गोली मारी।

मृतक के परिजनों का आरोप है कि 50 बीघा जमीन का विवाद चल रहा था, जिसपर दोनों पक्षों से थाना में बांड भरवाकर रखा गया था। जिसमें यह अंकित था कि जब तक न्यायालय का फैसला नहीं आता खेत की जोत नहीं करेंगे। लेकिन अचानक महेंद्र यादव के गुट ने बुधवार को बाहर से ट्रैक्टर और आदमी जुटाकर खेत की जुताई शुरू कर दी।

घटना लगभग 09 बजे की है। कृष्णदेव यादव का कहना है कि सवा 9 बजे वे लोग छबिलापुर थानाध्यक्ष को फोन कर इसकी सूचना दी। बाद में वे लोग दोपहर 12 बजे खेत जोत रहे लोगों को मना करने गये। लेकिन खेत जोत रहे पक्ष के लोग 50 के करीब लोगों को पहले से बुला कर रखे थे। मना करने के जब वे लोग पहुंचे तो उनलोगों ने हमला बोल दिया और फिर खदेड़-खदेड़ कर लोगों को गोलियां मारी।

गोलीबारी के बाद लोदीपुर से करमु बिगहा जाने वाले रास्ते पर जगह-जगह लोगों के शव गिरे पड़े थे। सड़क में काफी दूरी तक खून के छींटे बिखरे थे जो बता रहा था कि लोग किस तरह भागते रहे और गोलियां मारी जाती रही। लोगों का कहना है कि तांडव मचाने के बाद बाहर से आये अपराधी हथियार लहराता हुआ गांव से निकल पड़ा।