पटना

बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी पर बदनुमा दाग है कई कार्यालयों को जोड़ने वाली सड़क


रेडक्रॉस सोसाइटी से आनंद मार्ग को जोड़ने वाली सड़क में है कई जिला स्तरीय कार्यालय और सरकारी कर्मियों का आवास लेकिन वहां तक जूता-चप्पल पहनकर नहीं पहुंचा जा सकता

बिहारशरीफ (आससे)। कहने को तो बिहारशरीफ शहर पिछले कई वर्षों से स्मार्ट सिटी है। इसके लिए नगर निगम को अब तक करोड़ों रुपये दिया गया हैं लेकिन शहर के पॉश इलाके में टूटी सड़कें स्मार्ट सिटी के नाम पर बदनुमा दाग है।

जी हां! हम बात कर रहे है सदर अस्पताल के सामने से गुजर रहे उस पथ का जो आगे जाकर आनंद मार्ग में मिलती है। इस मार्ग में कई सरकारी कार्यालय के साथ ही कर्मचारियों का सरकारी आवास भी है, लेकिन सड़क की हालत बद से बदतर कही जा सकती है। रेडक्रॉस सोसाइटी से सटे दक्षिण की ओर जाने वाली सड़क के बायें हिस्से में जिला पशुपालन पदाधिकारी का कार्यालय है और उसे बाद सरकारी कर्मियों का आवासीय परिसर।

सड़क की दायीं ओर बिहारशरीफ संग्रहालय है और इसके आगे आरडब्लूडी कार्यालय जहां आरडब्लूडी के अधीक्षण अभियंता भी बैठते है। इस कार्यालय से आगे है जिला कृषि विभाग का कार्यालय और नालंदा भवन प्रमंडल का कार्यालय और कुछ ही दूर आगे है कृषि विभाग का आत्मा भवन लेकिन दुर्भाग्य है इस सड़क का जिसका वर्षों से रखरखाव नहीं हुआ है।

सड़क के शुरुआती हिस्से ही टूटे हुए है, जहां अभी भी पानी जमा हुआ है। क्या मजाल है कि कोई जूता-चप्पल पहन कर इस मार्ग से गुजर जाये। अब तो स्थिति यहां तक बदतर हो गयी है कि दोपहिया वाहनों से लोग घुसने में भी परहेज करने लगे है। अचानक गड्ढे में जाने से रोज दोपहिया वाहन उलट रहे हैं और दुर्घटना हो रही है। खास बात यह है कि इधर से ही रोज बिहारशरीफ नगर निगम के नगर आयुक्त गुजरते है। ना जाने क्यों उनकी निगाह इस ओर इनायत नहीं हो पाती। या फिर उन्हें इस सड़क में कोई दिलचस्पी नहीं है।

बिहारशरीफ के भराव चौराहे पर अच्छी सड़क के बावजूद फ्लाई ओवर बनाया जा रहा है। बस इसकी एक ही वजह है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का राशि खर्च हो लेकिन जो सड़क जर्जर और बदहाल है उसके जीर्णोद्धार पर ना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को कोई वास्ता है और ना ही नगर निगम किसी अन्य मद से इसे दुरूस्त कराने में दिलचस्पी दिखा रही है।