पटना

बिहार के निवासी ही बनेंगे प्रधान शिक्षक


आयोग द्वारा ली जाने वाली परीक्षा में होगी निगेटिव मार्किंग भी

      • नियुक्ति के बाद दो वर्ष तक रहेगी परिवीक्षा अवधि
      • विभागीय परीक्षा पास करने के बाद होगी सेवा सम्पुष्ट
      • नये संवर्ग के गठन को लेकर नियमावली जारी

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में बिहार के निवासी ही प्रधान अध्यापक नियुक्त किये जायेंगे। प्रधान शिक्षक का जिला संवर्ग होगा। यह पद स्थानान्तरणीय होगा। नियुक्ति के बाद दो वर्ष तक परिवीक्षा अवधि होगी। इसके साथ ही उन्हें विभागीय परीक्षा भी पास करनी होगी। उसके बाद ही उनकी सेवा सम्पुष्ट होगी।

प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर ‘बिहार राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालय प्रधान शिक्षक (नियुक्ति, स्थानान्तरण, अनुशासनिक काररवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2021’ अधिसूचित हो गयी है। अधिसूचना शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार के हस्ताक्षर से जारी हुई है। प्रधान शिक्षक पद के लिए मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 50 प्रतिशत अंक के साथ स्नातक उत्तीर्ण होना होगा। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांग, महिला एवं अर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को पांच प्रतिशत की छूट मिलेगी।

मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय एवं बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रदत्त आलिम की डिग्री तथा कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त शास्त्री की डिग्री को स्नातक के समतुल्य माना जायेगा। मान्यता प्राप्त संस्था से डीएलएड या बीटी या बीएड या बीएएड या बीएससीएड या बीएलएड उत्तीर्ण होना होगा। वर्ष 2012  या उसके बाद नियुक्त शिक्षक हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होना होगा।

अनुभव के तहत राज्य सरकार के विद्यालय में पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत पंचायत प्रारंभिक शिक्षक/ नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि के पद पर न्यूनतम आठ वर्ष की लगातार सेवा तथा पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत स्नातक शिक्षक, जिनकी सेवा सम्पुष्ट होनी चाहिये। अनुभव की अवधि की गणना योगदान की तिथि अथवा प्रशिक्षण अर्हता प्राप्त करने की तिथि, जो बाद की तिथि हो, के आधार पर की जायेगी। पंचायतीराज एवं नगर निकाय संस्थान अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों के लिए न्यूनतम एवं अधिकतम आयु सीमा अलग से निर्धारित नहीं होगी। नियुक्ति में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लागू आरक्षण प्रावधान प्रभावी होगा। नियुक्ति जिला स्तर पर आरक्षण रोस्टर के अनुसार किया जायेगा। सीधी भर्ती के लिए आयोग अथवा विभाग द्वारा चिन्हित सस्था रिक्तियों की संख्या विज्ञापित करेगा।

लिखित परीक्षा 150 प्रश्नों की होगी, जो वस्तुनिष्ठ एवं बहुविकल्पीय होंगे। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा तथा प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक की निगेटिव मार्किंग होगी। परीक्षा दो घंटे की होगी। परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम आयोग द्वारा प्रशासी विभाग के परामर्श से किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि राज्य के 40,538 प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों नियुक्ति होनी है।