24 घंटे में 89 लोगों की मौत
(निज प्रतिनिधि)
पटना। बिहार में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार कम होते जा रही है। लॉकडाउन के बाद से मरीज काफी कम हुए हैं। विपक्ष की ओर से सरकार के ऊपर लापरवाही ज्यादा और टेस्टिंग कम करने का आरोप लगाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर बिहार सरकार का दावा है कि लॉकडाउन के कारण कोरोना की चेन टूटी है। रविवार को राज्य सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक पिछले 24 घंटे में प्रदेश में सिर्फ 6 हजार 894 पॉजिटिव केस ही मिले हैं, जो इस महीने एक दिन में मिलने वाले सबसे कम मरीजों की संख्या है।
रविवार को को बिहार सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक आज सबसे ज्यादा कोरोना की टेस्टिंग हुई। पिछले साल के बाद आज ऐसा हुआ कि सरकार ने एक दिन में एक लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों की जांच की। ताजा आंकड़े के मुताबिक आज 1 लाख 20 हजार 271 लोगों की जांच में मात्र 6 हजार 894 लोग पॉजिटिव मिले हैं। सूबे में लगातार छठे दिन भी कोरोना के मामले दस हज़ार से कम दर्ज किये गए हैं। इससे पहले गुरुवार को 7 हजार 752, शुक्रवार को 7 हजार 494 और शनिवार को 7 हजार 336 कोरोना के नए मामले सामने आए थे।
राजधानी पटना में आज रविवार को सर्वाधिक 1103 मामले सामने आये हैं। राजधानी पटना के अलावा प्रदेश के मात्र दो जिलों में 300 से अधिक मामले सामने आये हैं। गया में 381 और समस्तीपुर में 331 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई है। आज एक दिन में रिकार्ड 1 लाख 20 हजार 271 लोगों की जांच के साथ टेस्टिंग का आंकड़ा अब बिहार में कुल 2 करोड़ 80 लाख 69 हजार 489 हो गया है। सूबे में आज कुल 14 हजार 202 मरीज ठीक हुए हैं। स्वस्थ होने वाले कुल लोगों की संख्या 5 लाख 72 हजार 987 हो गई है। साथ ही रिकवरी रेट भी बढ़कर 87.89 प्रतिशत हो गया है। बिहार में अभी फिलहाल 75 हजार 89 एक्टिव केस हैं।
रविवार को बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ट्वीट कर बताया कि बिहार में कोरोना संक्रमण का पॉजिटिविटी रेट नीचे गिर रहा है। आज बिहार में कोरोना संक्रमण का पॉजिटिविटी रेट घट कर लगभग 5.7 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के पास रेमडेसिविर इंजेक्शन के 50,321 डोज उपलब्ध है, जिन्हें आवश्यकता अनुसार जिले के अस्पतालों में भेजा जा रहा है।