पटना

बेगूसराय: बीपीएससी में सफ़ल अभ्यर्थियों के शुभेच्छुओं में हर्ष व्याप्त


बेगूसराय (आससे)। बीपीएससी यानि बिहार लोक सेवा आयोग की 64वीं प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट आने के साथ जिले के सफ़ल प्रतियोगितायों के साथ उनके परिवार-शुभेच्छुओं में खुशी का माहौल व्याप्त हो गया। सूचनानुसार 64वीं बैच की परीक्षा में जिले के सर्वाधिक मेधा संतानों का चयन हुआ है। उनमें पुरूषो से अधिक संख्या महिलाओं की बतायी जाती है। खबर के अनुसार जिला वकील संघ के वरीय अधिावक्ता प्रशांत सिंह (परबंदा) की जेष्ठ पुत्री प्रज्ञा नयनम जिले के सफ़ल मेधा संतानों में शामिल है। प्रज्ञा की छोटी बहन सुश्री प्रकृति नयन दो वर्ष पूर्व ही बीपीएससी में सफ़ल हुई थी। वर्तमान में वह प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद कार्यरत है।

प्रज्ञा नयनम का चयन राजस्व सेवा के लिए किया है। उसकी सफ़लता पर वरिष्ठ पत्रकार अग्निशेखर, अशोक कुमार (अधिावक्ता), गोपाल कुमार, प्रभाकर कुमार, ब्रजनंदन कुमार, दुर्गा प्रसाद राय, जीमल अहमद, वकील अहमद, आदि ने प्रशन्नता व्यक्त करते हुए अधिावक्ता प्रशांत कुमार के साथ प्रज्ञा नयनम को बधाई दी है। प्रज्ञा की मां विनिता कुमारी न्यायालय मित्र है। प्रज्ञा मैट्रिक ज्ञाप भारती से किया है। पूर्व में प्रज्ञा के साथ उसके उसकी बहन प्रकृति नयनम जो विद्यापति नगर समस्तीपुर में बीडियो के पद पर कार्यरत है। नियोजित शिक्षिका थी। दोनो बहन केन्द्रीय विद्यालय आईओसी से इण्टर पास की।

इधर साई रसोई चला कर सुर्खिया बटोरी पूर्व पत्रकार नितेश रंजन की पन्नी नेहा भारती ने 64वी बीपीएससी में सफ़लता पायी है। छौड़ाही आससे के अनुसार नेता भारती प्रखंड के शेखा टोल अनुसूचित मध्य विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत है। नेहा प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी पद पर चयनित हुई हैं। डायट, शाहपुर के सत्र 2015-17 के प्रशिक्षु नितेश रंजन की पत्नी को बीपीएससी की परीक्षा में मिली सफ़लता। विदित हो कि नितेश रंजन प्र॰ शिक्षक एवं एक सामाजिक कार्यकर्ता व पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने में पिछले 10 वर्षों से लगातार काम कर रहे हैं। पूर्व में नितेश रंजन इलेक्ट्रोनिक इडिया के पत्रकार थे। जिसमें सभी पत्रकार गण ने उन्हे बधाई दी।

गढ़हरा आससे के अनुसार बीहट नगर परिषद अंतर्गत किउल गाँव वार्ड-13 निवासी भूतपूर्व शिक्षक स्व॰ केशव पाठक एवं भूतपूर्व शिक्षिका स्व॰ नंद कुमारी के पुत्र सत्येंद्र कुमार ने 64वीं बिहार लोक सेवा आयोग पटना के अंतर्गत 296वां रैंक के साथ श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के पद पर चयनित हुए। इस खबर से गाँव व आस-पास के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी। सत्येंद्र वर्तमान में झारखंड सरकार के अंतर्गत कार्यरत हैं।

सत्येंद्र अपनी सफ़लता का श्रेय बड़े भाई भूतपूर्व शिक्षक स्व॰ अशोक पाठक, कमल पाठक, गुलाब पाठक, धर्मेंद्र पाठक को देते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि सत्येंद्र जब छोटे थे तब ही उनके माता पिता का देहांत हो गया था। उसके बाद उनकी शिक्षा दीक्षा का भार बड़े भाई पर पड़ा। सत्येंद्र ने कहा भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाना मेरा अंतिम लक्ष्य है। इन्होंने 2018 में आर्ट ऑफ़ गिविंग के बैनर तले किउल गाँव के सैकड़ों बच्चों को मुफ्त में स्टडी-किट का वितरण किया था।

वहीं मोनी की सफ़लता से उसके ननिहाल गड़हारा में खुशी का माहौल व्याप्त हो गया। वहीं घर मुंगेर में भी बधाई देने वाले का तांता लगा हुआ है। चार बहनों में दूसरे स्थान पर मोनी शुरू से ही पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देती रही है। परिवार के सदस्यों ने उसे हर तरह से भरपूर सहयोग किया है। मोनी शुरू से प्रतिभावान थी और बचपन से ही अधिकारी बनने का ख्वाब देखती थी। वो ख्वाब आज पूरा हो गया। मोनी को राजस्व पदाधिकारी का पद दिया गया है। परीक्षा क्रमांक 348117 के अनुसार लिस्ट में क्रम संख्या 500 पर रैंक 1711वां मिला है। इसके सफ़लता पर पिता शम्भू प्रसाद, माता रिंकू देवी, डॉ मयूराक्षी रानी, ललन कुमार, सोनी बहन, जितेंद्र कुमार, नंदलाल, अजित कुमार, रंजीत कुमार, संजीत कुमार, विनोद कुमार सिंह, वार्ड पार्षद शिवजी कुमार चंद्रवंशी, पूर्व मुखिया हरिनंदन राम, राजकुमार प्रसाद, शुभम प्रकाश, रवि शंकर झा आदि ने खुशी व्यक्त किया है।

इधर व्यवहार न्यायालय में पदस्थापित पेशकार छोटेलाल की भतीजी पुष्पांजलि कुमारी नें 64वी बीपीएससी की परीक्षा में सफ़लता हासिल कर जिले का नाम रोशन किया। पुष्पांजलि कुमारी ने बताया कि यह सफ़लता उनको तीसरे प्रयास में मिली है। इनको रेवेन्यू ऑफि़सर के लिए सलेक्शन किया गया है। आपको बता दें कि पुष्पांजलि के पिता धार्मनाथ महतो सर्किल इंस्पेक्टर से सेवानिवृत्त हुए हैं। पुष्पांजलि ने बताया की उसने दो बार बीपीएससी की परीक्षा पास कर इंटरव्यू तक पहुंची थी मगर इंटरव्यू में उन्हें सफ़लता नहीं मिल पाई मगर इन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ा और परिवार के लोग हौसला बढ़ाते रहें। न्यायालय कर्मी छोटेलाल बताएं कि इस लड़की ने जीवन का एक ही लक्ष्य बनाई थी कि हमें बीपीएससी परीक्षा पास कर ऑफि़सर बनकर समाज की सेवा करनी है।