पटना

बेगूसराय: विद्यालय को असामाजिक तत्वों से बचाने को शिक्षकों ने प्रशासन से लगाई गुहार


बेगूसराय (आससे)। शिक्षा के माध्यम से ही अंधेरा को दूर किया जा सकता है। लेकिन अवांछित लोग शिक्षा के मंदिर के मंदिर में प्रवेश कर प्रधानाध्यापक एवं महिला शिक्षिकाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने लगे तो फिर शिक्षा की कैसी कल्पना की जा सकती है? यह एक सोचनीय पहलू है। बीते माह 5 अक्टूबर से विद्यालय में ताला लटका हुआ है लेकिन पुलिस प्रशासन को इस से लेना देना नहीं है।

बताते चलें कि मटिहानी प्रखंड के चाक मध्य विद्यालय में 4 अक्टूबर 2021 को पूर्व शिक्षा समिति के सचिव के देवर चंदन कुमार नशे में धुत होकर शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। जिसके डर से महिला शिक्षिकाएं बच्चों को लेकर कमरे में बंद हो गई जिसकी शिकायत मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक मुकेश कुमार ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मटिहानी से की। जिसके बाद मटिहानी के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने मुकेश कुमार के द्वारा दिए गए आवेदन की अनुशंसा कर मटिहानी थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाया। लेकिन मटिहानी थाना के द्वारा इस पर कोई संज्ञान अभी तक नहीं लिया गया।

बताते चलें कि चाक मध्य विद्यालय में कोई भी प्रधान के पद पर विद्यालय जाना नहीं चाहते हैं। 2017 जून में प्रधानाध्यापक संजय कुमार सिंह, 2018 दिसंबर में प्रधानाध्यापक विपिन कुमार सिंह ने अन्य दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण करवा लिया। वही जब मुकेश कुमार विद्यालय प्रधान के पद पर गए तो उनके साथ भी दुर्व्यवहार होना शुरू हो गया। जिससे मर्माहत हो कर इस विद्यालय से अन्यत्र विद्यालय भेजने की मांग करने लगे।

इसी मामले को लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को जानकारी दिया कि 5 अक्टूबर से चाक मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक समेत सभी शिक्षक शिक्षिका अन्य दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि चाक  मध्य विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य करवा पाना कठिन हो गया है इसी को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने आदेश दिया है कि इस संदर्भ में मटिहानी थाना एवं पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार को आवेदन भिजवाया जाए। विद्यालय प्रधान एवं शिक्षकों की सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम करवाया जाए। जिससे विद्यालय में पठन-पाठन सुचारू रूप से शुरू हो सके।

सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि कोई भी राजनीतिक दल घटित घटना का निंदा भी नहीं किए और ना ही बच्चों के भविष्य के बारे में पहल करते हुए विद्यालय को खुलवाएं। वही मटिहानी थाना पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है। वहीं सूत्रों की माने तो मटिहानी थाना ने चंदन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया और  बीच रास्ते में उसे छोड़ दिया गया। इससे कई तरह के सवाल उठने लगे हैं कि आखिरकार बच्चों का जो शिक्षा का अधिकार है उन्हे कैसे मिलेगा। 5 अक्टूबर से विद्यालय बंद है लेकिन शिक्षा विभाग से लेकर पुलिस प्रशासन इस मामले को लेकर खामोश है। सूत्रों की माने तो असामाजिक तत्व के द्वारा हंगामा करने का मुख्य वजह यह बताया जा रहा है कि प्रत्येक प्रधान से ₹2000 प्रति महीने मांग की जा रही है। जिसे देने से इंकार करने पर इस तरह से अभद्र व्यवहार किया जा रहा है।