बखरी (बेगूसराय)। बिहार सरकार के द्वारा बच्चों के पढ़ाई के लिए स्मार्ट क्लास के माध्यम से एलईडी की व्यवस्था की गयी है। लेकिन सरकार के दूरदर्शी सोच को ही ठेंगा दिखा रहे हैं मानो स्मार्ट क्लास के बजाय अश्लील भोजपुरी गाने की क्लास चल रही हो। वही वर्ग में कोई शिक्षक भी नहीं है और ना ही इसकी भनक विद्यालय प्रधान विरंची यादव को है। उक्त मामला बखरी प्रखंड के राटन आदर्श मध्य विद्यालय का है जहां बच्चे निर्भीक होकर अश्लील भोजपुरी गाने एलईडी टीवी पर देख रहे हैं। वाह क्या बात है जनाब ऐसे मजे ले रहे हैं जैसे उनके ऊपर कोई है ही नहीं। इस तरह की शिकायत अन्य विद्यालय से भी मिलती रही है बेंच पर बैठने की जगह न बैठकर जहाँ किताब रखा जाता है वहाँ बैठे हुए हैं।
क्लाश रूम में एक भी शिक्षक दिखाई नहीं दे रहें हैं और बच्चे भी इस वीडियों में गाली-गलौज करते दिख रहे हैं। आखिर कब बिहार के इन स्कूलों में पढ़ाई की व्यवस्था में सुधार होगा। इस विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक बिरंची यादव हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस विद्यालय में सिर्फ खाना पूर्ति की जाती है। शिक्षक विद्यालय आते हैं और बच्चों का हाजरी बनाकर खानापूर्ति कर चले जाते हैं। ग्रामीणों के बीच काफी गुस्सा देखा गया। ग्रामीणों ने इस में दोषी प्रधानाध्यापक पर सख्त कार्यवाही करने की मांग कर रहे हैं।
बताते चलें कि उन्नयन योजना के तहत 2019 में स्मार्ट क्लास का कार्यक्रम राज्य के सभी जिलों में चलाया गया जिसमें चिन्हित विद्यालय को ₹95000 मुहैया कराया गया था। जिसके माध्यम से एलईडी टीवी, इनवर्टर ,स्पीकर एवं पेनड्राइव खरीदने को कहां गया था। जिसे विद्यालय प्रधान ने अपने विद्यालयों में स्मार्ट क्लास कार्यक्रम को चलाने के लिए स्मार्ट क्लास से संबंधित समान की खरीदारी की। इसके लिए शिक्षक को विशेष ट्रेनिंग भी दी गई थी। यह योजना बांका जिले से शुरू हुई थी लेकिन आज स्मार्ट क्लास मजाक बनकर रह गया है। मानो स्मार्ट क्लास पढ़ाई के बजाए भोजपुरी गाने के क्लास चल रहे हो।
आखिर इसकी जवाबदेही किसकी है क्या विद्यालय प्रधान को पता नहीं था या फिर जिन शिक्षक को प्रभार दिया गया था वह क्या कर रहे थे? भले ही विद्यालय प्रधान कई तरह के बहाने बना ले लेकिन इस जवाबदेही से बच नहीं सकते हैं। इस संदर्भ में डीपीओ तनवीर आलम से बातचीत किया तो उन्होंने बताया कि उक्त घटना की जानकारी मेरे संज्ञान में है जिसे जांच करने के लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को कहा गया है। वहीं विद्यालय प्रधान यह कहते हुए बचते दिख रहे हैं।
जिस समय बच्चे स्मार्ट क्लास में अश्लील गाने सुन रहे थे उस समय विद्यालय में टिफिन हो चुका था। इसलिए एक भी शिक्षक वहां नहीं थे। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर टिफिन हो गया था तो फिर स्मार्ट क्लास के कमरे को बंद क्यों नहीं किया गया था। हालांकि उक्त वीडियो की सत्यता की पुष्टि आज हिन्दी दैनिक पोर्टल नहीं करता है। यह एक जांच का विषय है जो कि शिक्षा विभाग के द्वारा जांच की जा रही है।