पटना

बेगूसराय: 20 शिक्षक 20 माह से वेतन पाने की आस में, जाँच हेतु प्रमाण पत्र की मूल कॉपी के साथ सदेह उपस्थित होने का आदेश


बच्चे पूछ रहे हैं पापा आपको कब मिलेगा वेतन

बेगूसराय (आससे)। 20 शिक्षक को 20 माह से वेतन नहीं मिला है। शिक्षक अपने बच्चों को दिलासा देते आ रहे हैं कि वेतन जल्द ही मिल जाएगा। कई त्यौहार आए और चले गए लेकिन इन शिक्षकों को वेतन नसीब नहीं हुआ। ज्ञात हो कि 31 दिसंबर 2019 को 34540 शिक्षक में से शेष बचे शिक्षकों को योगदान कराया गया था। योगदान के समय नियुक्त शिक्षकों से शपथ पत्र भी लिया गया था। इसके बावजूद इन शिक्षकों को वेतन नसीब नहीं हुआ। लेकिन एक-दो शिक्षक का स्थानांतरण जरुर हो गया।

20 शिक्षकों के योगदान के समय डीपीओ स्थापना रवि कुमार थे इसके बाद डीपीओ स्थापना के पद पर सुमन शर्मा रहे, इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण डीपीओ स्थापना के प्रभार में थे। 25 सितंबर 2021 को पत्रांक 3996 के आलोक में सभी 20 शिक्षकों को अपने मूल प्रमाण पत्र के साथ तय तिथि के अनुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। 20 शिक्षकों का प्रमाण पत्र की जांच कर विभाग को भेजी जाएगी। जिसके बाद शिक्षकों का वेतन रिलीज किया जायेगा।

ज्ञात हो कि 34540 शिक्षकों का योगदान सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बहाली की प्रक्रिया 2012 के फरवरी माह में  प्रारंभ की गई थी। शेष बचे शिक्षकों को 31 दिसंबर 2019 को बहाल किया गया। 2012 फरवरी में बहाल होने वाले सभी शिक्षकों को बहाल होते ही दो माह का बाद वेतन चालू हो गया था। लेकिन 20 शिक्षकों के बहाली हुए 20 माह हो गए हैं, लेकिन इन्हें वेतन नसीब नहीं हुआ है। जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के द्वारा प्रेषित पत्र में कहा गया है कि शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक  प्रमाण पत्रों के साथ सदेह कार्यालय में उपस्थित हो जिसकी जांच कर अग्रेतर  कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। हलांकि वेतन कब मिलेगी यह स्पष्ट नही है।

सूत्रों की माने तो वेतन लंबित करने के पीछे विभाग के शिथिलता को दर्शाता है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब वेतन रिलीज नहीं हुआ तो फिर शिक्षक का स्थानांतरण कैसे हो गया। इस तरह के सवाल विभाग पर उठने लगे हैं। लेकिन दिगर सत्य यह भी है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर कुछ शिक्षक योगदान भी किए थे जिसकी जांच प्रक्रिया चल रही है।

वहीं एक सवाल यह भी उठता है कि जब फर्जी दस्तावेज के आधार पर वीरचंद पासवान शिक्षक के पद पर बहाल है जिसे हटाने का आदेश तत्कालीन जिला पदाधिकारी नौशाद युसूफ ने तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू राम को दिया था इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी के पद पर देवेंद्र झा आसीन हुए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने वीरचंद पासवान को निलंबित कर विभाग कार्रवाई के अधीन रखे हुए हैं।