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भारतीय बल्लेबाजोंको पैर जमानेकी जरुरत-अंशुमान गायकवाड


नयी दिल्ली (एजेन्सियां)। पूर्व भारतीय बल्लेबाज अंशुमन गायकवाड ने कहा है कि इस समय भारतीय बल्लेबाजों का पैर न चल पाना दुर्भाग्यपूर्ण है और पैर हिलाने की क्षमता या अक्षमता उनकी मानसिकता का हिस्सा है। आस्ट्रेलिया दौरे पर चार मैचों की टेस्ट शृंखला के पहले मैच की दूसरी पारी में मात्र ३६ रन पर ढेर होने के बाद भारतीय बल्लेबाजों की आलोचना हो रही है। भारत को इस मैच में आठ विकेट से शिकस्त मिली थी। गायकवाड ने कहा जब हम वेस्टइण्डीज के खिलाफ उतरे तो हमारे पास घर में कोई भी तेज गेंदबाज या बाउंस वाली विकेट नहीं थी। हमारे पास कुछ नहीं था। इन लड़कों ने कम से कम इन सभी देशों में खेला जहां ये स्थितियां हैं। गायकवाड ने १९७६ में जमैका टेस्ट में माइकल होल्डिंग की अगुवाई वाली तेज गेंदबाजी आक्रमण का सामना किया था और ८१ रन की पारी खेली थी। उन्होंने कहा जो मैं समझ सकता हूं और मैं यह सब कर चुका हूं, वह यह है कि आपको अपने पैरों का उपयोग करने की आवश्यकता है। आप खड़े होकर शाट नहीं खेल सकते। आपको अपने पैरों को आगे या पीछे करना होगा, गेंद के करीब पहुंचना होगा। साथ ही आपको गेंद की लाइन (छोटी गेंदों के खिलाफ) पर भी आना होगा। यह बहुत महत्वपूर्ण है। भारत के लिए ४० टेस्ट मैच खेलने वाले पूर्व बल्लेबाज ने कहा इन देशों में जहां उछाल और गति अधिक है वहां आपको अपनी तकनीक का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। कहां आप गेंद को खेल सकते हैं और कहां आप गेंद को छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश की पिच और परिस्थितियां अलग होती हैं और आपको वहां उसी के अनुसार खेलने की जरूरत है। पूर्व बल्लेबाज ने कहा यह मूल तकनीक और परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने को लेकर है। आप भारत में खेलते हैं, इंगलैण्ड में नहीं खेल सकते हैं। आप इंगलैण्ड में खेलते हैं, आस्ट्रेलिया में नहीं खेल सकते हैं। या आप आस्ट्रेलिया में खेलते हैं न्यूजीलैण्ड में नहीं खेल सकते। खिलाडिय़ों को परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत है।