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भारत के 15वें राष्ट्रपति का चुनाव कल, जानें क्यों एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत लग रही पक्की


नई दिल्ली, । देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए कल यानी सोमवार को मतदान होने वाले है। करीब 4,800 निर्वाचित सांसद और विधायक इस चुनाव में मतदान करेंगे। वैसे तो विपक्ष ने एकजुटता दिखाई है लेकिन NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का इस चुनाव में यशवंत सिन्हा पर पलड़ा भारी दिख रहा है क्योंकि 60 प्रतिशत से अधिक वोट उनके पक्ष में जाने की उम्मीद है। बता दें कि मतदान संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में होगा, जिसके लिए मतपेटियां पहले ही अपने गंतव्य तक पहुंच चुकी हैं।

21 जुलाई को वोटों की गिनती, 25 को शपथ

  • बता दें कि वोटों की गिनती 21 जुलाई को संसद भवन में होगी और अगले राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेंगे।
  • बीजद, वाईएसआरसीपी, बसपा, अन्नाद्रमुक, तेदेपा, जद (एस), शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और अब झामुमो जैसे क्षेत्रीय दलों के समर्थन से मुर्मू का वोट शेयर लगभग दो-तिहाई तक पहुंचने की संभावना है।
  • अगर मुर्मू यह चुनाव जीतती हैं तो शीर्ष संवैधानिक पद पर कब्जा करने वाली वह आदिवासी समुदाय से पहली महिला होंगी।

NDA उम्मीदवार के पास 6.67 लाख से अधिक वोट

नेशनल डेमोक्रेटिक एलाइंस (एनडीए) के उम्मीदवार के पास अब कुल 10,86,431 मतों में से विभिन्न क्षेत्रीय दलों के समर्थन के बाद 6.67 लाख से अधिक वोट हैं। राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचक मंडल में निर्वाचित सांसद और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं। मनोनीत सांसद और विधायक और विधान परिषद के सदस्य इस चुनाव में मतदान करने के हकदार नहीं हैं।

यह होती है एक वोट की वैल्यू

राज्यों में प्रत्येक विधायक के वोट का मूल्य अलग-अलग राज्यों में भिन्न होता है जो संख्या के आधार पर निकाली जाती है। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा न होने के कारण इस राष्ट्रपति चुनाव में संसद सदस्य के वोट का मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया है। उत्तर प्रदेश में प्रत्येक विधायक के वोट का मूल्य 208 है, इसके बाद झारखंड और तमिलनाडु में 176 है। महाराष्ट्र में यह 175 है। बिहार में एक विधायक के वोट की वैल्‍यू 173 है। पश्चिम बंगाल में विधायकों के वोट की वैल्यू 151 है। मध्‍य प्रदेश में विधायकों के वोट की वैल्‍यू 131 है तो राजस्थान में विधायक के वोट की वैल्‍यू 129 है। पंजाब में विधायकों के वोट का मूल्य वहीं सिक्किम में प्रति विधायक वोट का मूल्य सात है, जबकि नागालैंड में यह नौ और मिजोरम में आठ है।

बैलेट पेपर पर होता है चुनाव

राष्ट्रपति का चुनाव बैलेट पेपर पर होता है। इसमें सभी उम्मीदवार के नाम होते हैं और प्रत्येक निर्वाचक उतनी ही वरीयताएं अंकित कर सकता है, जितने उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। उम्मीदवारों के लिए ये वरीयताएं निर्वाचक द्वारा कालम 2 में दिए गए स्थान पर वरीयता क्रम में अंक 1,2,3, 4, 5 के रूप में दी जाती है। यही कारण है कि इसमें इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों का उपयोग नहीं होता है ताकि निर्वाचक सबको वरीयता दे सके। वैसे वे चाहें तो एक को भी अंक दे सकते हैं।

सांसदों और विधायकों को मिलता है अलग रंग का मतपत्र

चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक, सांसदों को हरे रंग का मतपत्र मिलेगा, वहीं विधायकों को गुलाबी रंग का मतपत्र वोट डालने के लिए मिलेगा। अलग-अलग रंग रिटर्निंग ऑफिसर को प्रत्येक विधायक और सांसद के वोट के मूल्य का पता लगाने में मदद करते हैं। मतदान की गोपनीयता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं को अपने मतपत्रों को चिह्नित करने में सक्षम बनाने के लिए बैंगनी स्याही के साथ एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया पेन जारी किया है।