- अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि कोविड-19 संकट के दौरान भारत तथा जापान के बीच साझेदारी वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए और अधिक प्रासंगिक हो गई है तथा उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने यहां अहमदाबाद प्रबंधन संघ (एएमए) के परिसर में स्थापित जापानी जेन उद्यान और कैजान अकादमी का डिजिटल तरीके से उद्घाटन किया. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि अहमदाबाद में जेन उद्यान और कैजान अकादमी के खुलने से दोनों देशों के बीच संबंध और प्रगाढ़ होंगे.
पीएम मोदी ने कहा, ”जापान के वर्तमान प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा अत्यंत सरल व्यक्ति हैं. मेरा और प्रधानमंत्री सुगा का मानना है कि इस कोविड-19 महामारी संकट के दौरान भारत एवं जापान की मित्रता और हमारी साझेदारी वैश्विक स्थिरता एवं समृद्धि के लिए और भी अधिक प्रासंगिक हो गई है. आज, जब हम कई वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में यह समय की मांग है कि हमारी दोस्ती और रिश्ता दिन-ब-दिन मजबूत हो.” उन्होंने कहा कि कैजान अकादमी की स्थापना जैसे प्रयास इस रिश्ते को सुंदर तरीके से प्रतिबिंबित करते हैं. उन्होंने कहा, ”हमारा सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों और भविष्य के साझा दृष्टिकोण में भी गहरा विश्वास है. इस आधार पर हम वर्षों से अपनी खास रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी को मजबूत करते रहे हैं. इसके लिए हमने प्रधानमंत्री कार्यालय में ‘जापान प्लस’ (भारत में वृहद जापानी निवेश को बढ़ावा देने वाले अधिकारियों के दल) की खास व्यवस्था भी की है.”
इससे पहले, जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया था कि एएमए स्थित ‘जेन-कैजान’ का मकसद जापानी कला, संस्कृति, प्राकृतिक छटा और वास्तुशिल्प के विभिन्न तत्वों को दर्शाना है. यह एएमए स्थित जापान सूचना एवं अध्ययन केंद्र तथा भारत-जापान मैत्री संघ (आईजेएफए), गुजरात का संयुक्त प्रयास है जिसे जापान की हयोगो इंटरनेशनल एसोसिएशन (एचआईए) का समर्थन प्राप्त है.
मोदी ने कहा कि जेन उद्यान और कैजान अकादमी के शुभारंभ का अवसर ”भारत-जापान संबंधों की सहजता और आधुनिकता का प्रतीक” है. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इससे भारत और जापान के नागरिकों को एक-दूसरे के करीब लाकर दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे. मोदी ने कहा, ”मैं चाहूंगा कि कैजान अकादमी भारत में जापान की कार्य संस्कृति का प्रसार करे और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संपर्क को बढ़ाए. हमें इस दिशा में पहले से चल रहे प्रयासों को भी नई ऊर्जा भी देनी है. मुझे यकीन है कि हमारे प्रयास इसी तरह जारी रहेंगे और भारत एवं जापान मिलकर विकास की नई ऊंचाइयां छुएंगे.”