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मणिपुर मुद्दे पर नारे, जूते के सोल में स्मोक बम… FIR में सामने आई संसद में धुआं-धुआं करने वाले शातिरों की पूरी प्लानिंग


नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि इन्होंने साजिश को सफल बनाने में काफी गहराई से प्लानिंग की थी। पुलिस एफआईआर में कहा गया है कि आरोपी सागर शर्मा ने गैस कैन को ले जाने के लिए स्पोर्ट्स शू का इस्तेमाल किया था और उसने बायें पैर के जूते के सोल के अंदर उसे रखा था।

एफआईआर के मुताबिक जूते के सोल को मोटा बनाने के लिए अतिरिक्त रबर का इस्तेमाल किया गया था। मनोरंजन डी के बाएं पैर के जूते के सोल में कटिंग कर अतिरिक्त जगह बनाई गई थी। वहीं दाएं पैर के जूते में भी कटिंग कर जगह बनाई गई थी। उसे सपोर्ट करने के लिए जूते के नीचे से अलग से रबर जोड़ा गया था। दोनों आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी ने इसी में गैस कनस्तर को रखकर लोकसभा को धुआं-धुआं कर दिया था।

आरोपियों के पास से दो पर्चे हुए थे बरामद

वहीं, दोनों आरोपियों के पास से दो पर्चे भी बरामद किए गए थे। एक पर्ची में अंग्रेजी में ‘जय हिंद’ लिखा था और तिरंगे की फोटो लगी थी। इस पर हिंदी में भी स्लोगन लिखे थे। वहीं दूसरी पर्ची में मणिपुर मुद्दे को लेकर अंग्रेजी में स्लोगन लिखे थे। वहीं संसद के गेट नंबर 2 और 3 के पास पटाखे फोड़ने की गतिविधियां की गई थी। इस आरोप में नीलम और अमोल शिंदे को गिरफ्तार किया गया।

गैस कैन को यूज करने का लिखा था तरीका

प्रारंभिक पूछताछ के दौरान दोनों व्यक्ति सागर शर्मा और मनोरंजन डी एक दूसरे के सहयोगी पाए गए, जिन्हें संसद सुरक्षा कर्मचारियों ने सौंप दिया था। पीले रंग के धुएं निकालने वाले कैन बरामद किए गए। इन सभी कैन पर चेतावनी भी लिखे हुए थे। इसमें लिखा हुआ था कि हमेशा चश्मा पहनें। दस्ताने लगाए रखें। कभी भी बंद कमरे में इस्तेमाल न करें और इसे लेकर हवाई जहाज पर न चढ़ें।

चीन में बना था आरोपियों द्वारा इस्तेमाल कैन

वहीं इसमें कुछ निर्देश भी लिखे हुए थे। जैसे इसे इस्तेमाल करने के लिए पहले कैप को खींचें। फिर एक रिंग को तेजी से दूसरी ओर खींचें। इससे तुरंत धुआं छोड़ें और दूर हट जाएं। ये कैन चीन निर्मित थे। बता दें, चार आरोपियों को घटना के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं गुरुवार को सभी को 7 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा गया था। वहीं घटना के मुख्य साजिशकर्ता ललित झा ने थाने में आत्मसमर्पण किया था।