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माइक्रोनेशिया के राष्ट्रपति डेविड पैनुएलो का चीन पर आरोप


वेलिंगटन। माइक्रोनेशिया के राष्ट्रपति ने अन्य राष्ट्रीय नेताओं को लिखे एक पत्र में चीन पर ‘राजनीतिक युद्ध’ करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने पांच करोड़ डॉलर के बदले में चीन से ताइवान में राजनयिक निष्ठा बदलने पर चर्चा की।

राष्ट्रपति डेविड पैनुएलो ने कहा कि चीन ने जासूसी और रिश्वत की पेशकश सहित नापाक रणनीति का इस्तेमाल किया। दरअसल, चीन यह सुनिश्चित करने के प्रयास में था कि अगर वह ताइवान के साथ युद्ध करता है, तो संयुक्त राज्य अमेरिका के बजाय चीन के साथ माइक्रोनेशिया गठबंधन करेगा, या कम से कम वह किसी का भी पक्ष लेने से परहेज करेगा।

छोटे दोशों को वित्तीय प्रोत्साहन का लालच

पनुएलो ने 9 मार्च को 13 पन्नों का पत्र प्रशांत महासागर के राष्ट्रों के नेताओं और राज्य के राज्यपालों को भेजा था। क्षेत्र में चीन के इरादों के असामान्य रूप से स्पष्ट मूल्यांकन पत्र में किया गया था और छोटे देशों के लिए राजनयिक निष्ठा को बदलने के लिए वित्तीय प्रोत्साहनों को उजागर किया। क्या माइक्रोनेशिया को ताइवान के प्रति अपनी वफादारी बदलनी चाहिए, क्योंकि हाल के वर्षों में कई प्रशांत देशों ने अपनी वफादारी ताइवान से बदलकर चीन के प्रति कर दी है।

पैनुएलो बोले- चीन के सफल होने का कारण केवल यह

पैनुएलो ने अपने पत्र में लिखा, ‘मुझे विश्वास है कि वर्तमान में हमारे मूल्यों का हमारे खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है। चीन के राजनीतिक युद्ध के इतने सारे क्षेत्रों में सफल होने का कारण यह है कि हमें सहभागी होने के लिए रिश्वत दी जाती है, चुप रहने के लिए रिश्वत दी जाती है।’ उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब उपराष्ट्रपति सीनेटर थे, तो उनसे चीन के राजदूत ने पैसों से भरा लिफाफा स्वीकार करने को कहा था। मगर, उन्होंने उसे ठुकरा दिया था। हालांकि, चीन ने आरोपों से इनकार किया।

चीन ने कहा- झूठे हैं आरोप

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने 10 मार्च को एक दैनिक ब्रीफिंग में कहा, ‘हमने प्रासंगिक रिपोर्टों का उल्लेख किया है। इसमें चीन के खिलाफ लगाए गए कलंक और आरोप तथ्यों के साथ पूरी तरह से गलत हैं।’ माओ ने कहा, ‘हमने हमेशा माइक्रोनेशिया के विकास पथ का सम्मान किया है, जिसे उसने अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों के आधार पर चुना है और स्वतंत्रता की रक्षा में माइक्रोनेशिया पक्ष का समर्थन किया है।’