पटना

मुख्यमंत्री ने सुनी एक-एक व्यक्ति की फरियाद, दिये निर्देश


सोमवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री जनता के दरबार में हाजिर हुए। राज्य के विभिन्न शहरों से आये फरियादियों ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्या रखी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक-एक लोगों की फरियाद काफी गंभीरता से सुनी। कई मामलों के सामने आने पर वे अवाक रहे तो कुछेक मामलों पर उन्हें हैरत भी हुआ। इसके बाद उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को काररवाई करने का आवश्यक निर्देश भी दिया। गौरतलब है कि मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने अपने इस तीसरे जनता दरबार में १५३ लोगों की समस्याओं को गंभीरता से मुख्यमंत्री ने सुना।

(निज प्रतिनिधि)

थाना मिला हुआ, कहीं कोई सुनवायी नहीं होती

पटना। एक शख्स ने सीएम नीतीश से जमीन विवाद से संबंधित शिकायत किया। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को देखने को कहा। एक युवक मुख्यमंत्री से फरियाद कर जोर-जोर से रोने लगा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा मत करिए।दरअसल एक युवक मुख्यमंत्री से शिकायत किया कि उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। इसको लेकर हम हर जगह गये लेकिन न्याय नहीं मिला। थाना वाला मिला हुआ है। शख्स ने कहा कि हम कहां जायें आप ही बताइए… कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। यह कहकर युवक फुट-फुट कर रोने लगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई करने को कहा।

सर…अधिकारी कहता है कि जहां जाओ कुछ नहीं होने वाला

मुजफ्फरपुर से आये एक शख्स ने सीएम नीतीश से शिकायत किया कि निबंधन विभाग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में भारी भ्रष्टाचार है। एक-एक कागज निकालने पर 10-10 हजार रू लेता है। डीसीएलआर कार्यालय और निबंधन विभाग में बिना पैसे का काम नहीं होता। जब हमने कहा कि हम जा रहे हैं मुख्यमंत्री से शिकायत करने। तब अधिकारियों और कर्मियों ने कहा कि मुख्यमंत्री क्या प्रधानमंत्री के यहां चले जाओ,कुछ नहीं होने वाला। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुस्सा में आ गये।

सीएम ने अफसर को लगाया फोन

मुजफ्फरपुर से आये इस शख्स की बात सुन कर मुख्यमंत्री गंभीर हो गये उन्न्होने तुरंत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाया और कहा कि तुरंत इसको दिखवाइए। युवक कह रहा कि जनता दरबार जाने की बात कहने पर वहां का अधिकारी कहता है कि प्रधानमंत्री के यहां जाओ। यह कह रहा कि बिना पैसे का कुछ नहीं होता। इसकी जांच करवाइए और कार्रवाई करिए।

मंत्री ने मुख्य सचिव को किया तलब

सोमवार के जनता दरबार में कई ऐसे मामले आये जिसमें यह बात सामने आई कि लोक शिकायत में पारित आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा। लगातार यह शिकायत मिलने के बाद सीएम नीतीश अचंभित हो गये। उन्होंने कहा कि हाल ही में मीटिंग हुई तब तो इस तरह के मामले नहीं आये। अब हमने जनता दरबार शुरू किया तो इस बात की जानकारी मिल रही कि अंचल अधिकारी व अन्य अधिकारी आदेश का पालन नहीं कर रहे। सवा घंटे में 6-7 मामले सामने आ गये। यह तो काफी चिंता विषय है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को बुलाया और कहा कि देखिए यह क्या हो रहा है। आप लोग इस मामले को देखिए। हम भी इस मामले को एक दिन देखेंगे।

डीएसपी और इंस्पेक्टर की शराब माफियाओं से मिलीभगत है

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में नवादा से आये एक शख्स ने शराबबंदी और पुलिस की पोल खोल दी। युवक ने सीएम नीतीश से कहा कि रजौली के डीएसपी और इंस्पेक्टर की शराब माफियाओं से मिलीभगत है। माफियाओं से मिलकर हमें झुठे केस में फंसा दिया है। हर रविवार को डीएसपी-इंस्पेक्टर सरकारी गाड़ी से कोडऱमा जाते हैं। इसकी जांच कराइए। इस पर मुख्यमंत्री ने युवक को डीजीपी के पास भेज दिया।

चीफ सेक्रेट्री साहब इधर आइये….

सीएम नीतीश ने जनता दरबार में मौजूद मुख्य सचिव को तलब किया। उन्होंने कहा कि ये चीफ सेक्रेट्री साहब सुनिये इधर.। इसके बाद मुख्य सचिव तुरंत हाजिर हुए। मुख्य मंत्री ने कहा कि भूदान की जमीन को लेकर 2018 में ही पूर्व मुख्य सचिव  की अध्यक्षता में एक कमिटि का गठन किया गया था। लेकिन आज तक उसकी रिपोर्ट नहीं आई। कमिटि ने अब तक क्या किया,कितना काम हुआ इसकी समीक्षा करिये। क्यों कि काफी पहले ही भूदना की जमीन को लेकर कमेटी बनाई गई और कोई रिपोर्ट नहीं आई। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और अपने प्रधान सचिव को इस मामले को देखने को कहा।

पूर्व मंत्री का साला जबरन कर लिया जमीन कब्जा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में अधिकांश मामले पुलिस और जमीन से जुड़े आ रहे। जमुई से आये एक शख्स ने मुख्यमंत्री से पूर्व मंत्री के एक रिश्तेदार पर जमीन कब्जा का आरोप लगाया। जमुई के एक युवक ने सीएम नीतीश के जनता दरबार में कहा कि जमुई में हमारी जमीन का कब्जा किया जा रहा है। उस शख्स ने सीएम नीतीश से कहा कि पूर्व मंत्री दामोदर रावत के साले ने दबंगई कर कब्जा कर लिया है। पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को इस मामले को देखने को कहा।

पत्रकार की पत्नी ने सीएम से लगायी गुहार

एक पत्रकार की पत्नी ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई। मोतिहारी के पताही से आये एक अखबार के पत्रकार नीरज सिंह की पत्नी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिकायत की। पत्रकार की पत्नी ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमारे पति को साजिशन हत्या के एक मुकदमे में फंसा दिया गया है। वहां के स्थानीय डीएसपी की विरोधियों से मिलीभगत है। जानबुझकर उनके पति को फंसाया गया है। मुख्यमंत्री ने आवेदिका की बात सुनकर डीजीपी से पास भेज दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप वहां जाकर पूरी बात बताइए वो इस मामले को खुद देखेंगे।

बेटी को लेकर भाग गया है शादीशुदा

सीएम नीतीश के जनता दरबार कार्यक्रम में पहुंची एक महिला ने अपने भैसुर के बेटे की शिकायत की है। महिला का कहना है कि शादीशुदा और एक बच्चे का बाप होने के बावजूद भी वह बच्ची को लेकर फरार हो गया है। थाने में शिकायत करने के बावजूद भी न तो थानेदार सुन रहा है और न ही एसएसपी।

भागलपुर से जनता दरबार में आई महिला ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि सर मेरे पति चार भाई हैं, मेरे भैसुर का लडक़ा मेरी छोटी वाली लडक़ी को लेकर भाग गया है। इसका समाधान न थानाप्रभारी किया और न ही भागलपुर एसएसपी। जबकि भागलपुर के एसएसपी को मैंने तीन बार आवेदन दिया है। मैंने डीआईजी से भी शिकायत की। सर वो शादीशुदा है, एक बच्चे का बाप है, चचेरा परिवार भी उसकी को मदद किया है। एक बार लडक़ी लेकर आया वो लोग चाहता तो दिलवा सकता था।

इस पूरे मामले को सुनकर सीएम नीतीश ने कहा कि नहीं-नहीं मैं मामले को समझ नहीं पाया। आप पूरी बात बताइये. क्या उसी परिवार का कोई आदमी है? इसपर महिला ने कहा कि मेरे भैसुर का ही लडक़ा है। मेरे मंझले भैसुर का छोटा वाला लडक़ा है, जो रेलवे में नौकरी करता है। वह शादीशुदा है और  एक बच्चे का बाप भी है। मेरे चार बच्चे हैं, दो लडक़ा और दो लडक़ी है। मेरी सबसे छोटी वाली लडक़ी को मेरे मंझले भैसुर का छोटा वाला लडक़ा लेकर भाग गया है, जो मैट्रिक पास है। पीडि़त महिला की पूरी शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि क्या आपने केस नहीं किया है? इसपर महिला ने कहा कि केस किये हैं सर थाना वाला भी उसी को साथ दे रहा है इस बात को जानने के बाद सीएम ने महिला को पुलिस विभाग के अधिकारी के पास भेज दिया और इस मामले पर संज्ञान लेने का निर्देश दिया।

सामने आयीं प्रशासन की खामियां, आगबबूला हुए मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार में उस वक्त आगबबूला हो गए, जब उनके सामने एक के बाद एक दर्जन भर ऐसी शिकायतें आईं, जिसमें प्रशासन की खामियां थीं। लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सुनकर सीएम नीतीश काफी गुस्से में आ गए। उन्होंने तत्काल मुख्य सचिव से लेकर आमिर सुबहानी तक जैसे सीनियर अफसरों को एक लाइन से खड़ा कर सुना दिया कि आखिरकार किस तरीके से प्रशासन के लोग काम कर रहे हैं।

दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान आम लोगों की शिकायत सुन रहे थे। इस दौरान सीएम के सामने लगातार कई केस आएं, जिसमें लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में गड़बड़ी देखी गई। मुख्यमंत्री अपने एक अधिकारी को इसके बारे में समझा ही रहे थे कि एक और मामला इसी से जुड़ा हुआ सामने आ गया। बुजुर्ग की शिकायत सुनते ही सीएम आगबबूला हो गए और उन्होंने तत्काल बिहार के मुख्य सचिव से लेकर आमिर सुबहानी तक को बुलाया और  बताया कि आखिरकार किस तरीके से प्रशासनिक अधिकारी कार्य करते हैं।

दरअसल एक बुजुर्ग फरियादी ने मुख्यमंत्री से आकर कहा कि मैंने पत्नी के नाम पर एक कट्ठा जमीन लिया था। उसमें से थोड़ा सा जमीन भू-अर्जन में चला गया। मैंने भू-अर्जन पदाधिकारी से शिकायत की मेरे जमीन का मुझे पैसा मिलना चाहिए। भू-अर्जन पदाधिकारी ने मेरी शिकायत नहीं सुनी. इसके बाद मैंने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत शिकायत की। लोक शिकायत से आदेश हुआ कि मेरा भुगतान किया जाये लेकिन उसका अनुपालन आज तक नहीं किया। मुझे पैसा नहीं दिया गया और मुझे धमकाया भी गया।

बुजुर्ग की शिकायत सुनने के बाद सीएम नीतीश ने फौरन अधिकारी को कहा कि जाकर पूरा के पूरा रिकार्ड निकलवाइये। लोक शिकायत निवारण में किसी मामले का फैसला हो गया और अगर उसका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है तो तत्काल वैसे मामलों का सारा रिकार्ड  निकलवाइये। हर चीज को निकाल कर देखिये कि कितना पेंडिंग है। अभी हमने दो बार समीक्षा बैठक की तो उसमें ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया और अब जब हम जनता के दरबार कार्यक्रम शुरू किये तो एक के बाद एक मामले सामने आ रहे।

सीएम ने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून के तहत मामले का निबटारा हो गया लेकिन उसका एक्जीक्यूशन नहीं हो रहा है। क्यों उसका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है, इसका पता लगाइये। कानून में तो एक्शन का भी प्रावधान है। इन सभी चीजों को देखना बेहद जरूरी है। सारे डिपार्टमेंट से पूरा का पूरा फिगर मांगिये, कहां गड़बड़ी है। देखिये कि लोक शिकायत की ओर से जो फैसले आएं, उसकी क्या स्थिति है। क्रियान्वयन हुआ कि नहीं हुआ, किस कारण से पेंडिंग है। क्यों पेंडिंग है ये जानना बेहद जरूरी है। चीफ सेक्रेटरी के साथ मिलकर पहले ये काम पूरा कीजिये। मैं एक दिन बैठकर इसके बारे में सारा अपडेट लूंगा कि लोक शिकायत निवारण कानून से जुड़े मामलों का क्या हुआ।

चीफ सेक्रेट्री को कहिये तुरंत बात करें

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में अधिकांश मामले पुलिस और जमीन से जुड़े आ रहे। मठ की जमीन पर अवैध कब्जा को लेकर एक शख्स ने शिकायत की। उन्होंने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिकायत दर्ज कराया कि धार्मिक न्याय बोर्ड ने जमीन कब्जा करने वाले लोगों को ही मठ की कमेटी का सदस्य बना दिया है। सजायाफ्ता को कमेटी का मेंबर बना दिया गया। सीएम नीतीश यह बात सुन गुस्से में आ गये। उन्होंने अपने प्रधान सचिव से कहा यह कैसे हो गया? यह कैसे किया।

यह तो विचित्र बात है। जिसने मठ की जमीन को कब्जा किया उसी को मठ की कमिटि का सदस्य बना दिया गया। यह कैसे हो गया। मुख्यमंत्री ने अपने प्रधान सचिव को कहा कि कहिए चीफ सेक्रेट्री को की तुरंत बात करें।

जमीन के खतियान की मूल प्रति नहीं दी जा रही है

पूर्णिया धमदाहा से आये एक शख्स ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि हुजूर हमारी जतीन के खतियान की मूल प्रति उन्हेे नही दी जा रही है। खाता संबधित खतियान की मांग किए जाने पर मोटी रकम की मॉग की जा रही है। नही देने पर धमदाहा का खतियान नष्टï हो जाने का हवाला देकर मूझे लौटा दिया जाता है। इस पर मुख्यमंत्री ने संबधित अधिकारी को निर्देश देते हुए ेकहा कि इस मामले की जांच कर उचित कदम उठाये।

अधिकारी केस को वापस लेने के लिए धमका रहे हैं

पश्चिम चंपारण जिले के बगहा से आयी महिला बिमला भारती ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कही अनुसूचित जाति जन जाति अधिनियम के तहत दर्ज मामले मे नामजद अभियुक्त की गिरफ्तारी नही करने तथा अधिकारी द्वारा उनको संरक्षण देने एव मूझे केस वापस लेने के लिए डराया धमकाया जा रहा है। इस महिला के शिकायत पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियो को तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिये।