पटना

मुजफ्फरपुर: कार्य संस्कृति में सुधार लाकर पदाधिकारी और कर्मी करायें सुशासन का अहसास : रामसूरत


राजस्व मंत्री ने समीक्षात्मक बैठक में भूमि से संबंधित मामले का त्वरित निष्पादन का दिया निर्देश 

मुजफ्फरपुर। सभी पदाधिकारी निर्धारित समय के अंदर मामलों का निष्पादन करना सुनिश्चित करें, पदाधिकारीगण अपने कर्तव्यों औचक जवाबदेही को समझे ताकि आम आवाम को इसका लाभ मिल सके एवं भूमि संबंधी मामलों का त्वरित निष्पादन हो सके। अपर समाहर्ता, डीसीएलआर, अंचल अधिकारी, राजस्व अधिकारी समन्वय के साथ कार्य करते हुए लंबित मामलों का निष्पादन स-समय करना सुनिश्चित करें। एलपीसी, दाखिल खारिज एवं जमाबंदी निष्पादन को लेकर गंभीरता बरतें। कैंप मोड में कार्य करें। कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।कार्य संस्कृति में सुधार लाएं।

उक्त बात राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री  राम सूरत राय ने  प्रमंडल स्तरीय बैठक में सभी उपस्थित पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कही। उक्त बैठक स्थानीय एमआईटी के सभाकक्ष में आहूत की गई थी। बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार के साथ प्रमंडल के सभी छह जिलों के जिलाधिकारी, अपर समाहर्ता, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी ,डीसीएलआर ,भू अर्जन पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी उपस्थित थे।

साथ ही निदेशक लैंड रिकॉर्ड एवं सर्वे जय सिंह,वीरेंद्र कुमार पासवान संयुक्त सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार,  कंचन कुमार- संयुक्त सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार, नवल किशोर जॉइंट निदेशक चकबंदी एवं विनोद कुमार झा सदस्य भूदान कमीशन उपस्थित थे। निदेशक लैंड रिकॉर्ड एम सर्वे श्री जय सिंह के द्वारा पीपीटी के माध्यम से सभी प्रमंडल के जिले की जिलेवार समीक्षा की गई एवं महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए।

म्यूटेशन के मामलों के निष्पादनमें अनुमंडलों की उपलब्धि की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि  चकिया अनुमंडल 67.39% के साथ सबसे पीछे ,है जबकि बगहा 84. 55% के साथ सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला अनुमंडल है। वही म्यूटेशन के केस के रिजेक्शन के मामले में बगहा अनुमंडल के द्वारा 40. 70% मामलों को रिजेक्ट किया गया जबकि इस मामले में महुआ अनुमंडल में मात्र 16. 88% आवेदनों को रिजेक्ट किया किया।

वहीं अंचल वार समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आई कि म्यूटेशन केस के निष्पादन के दृष्टिगत सीतामढ़ी का मेजरगंज अंचल 95.76 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर, जबकि पूर्वी चंपारण के केसरिया अंचल 54.60 प्रतिशत के साथ सबसे निचले स्तर पर रहा। रिजेक्शन के मामलों में अंचलवार  समीक्षा के क्रम में पाया गया वेस्ट चंपारण बगहा-2 में 50.16% रिजेक्शन पाया गया जबकि सबसे कम रिजेक्शन वैशाली के भगवानपुर अंचल में 6.89% था। पूर्वी चंपारण के नगर परिषद हल्का में 1117 मामले पेंडिंग पाए गए जो कि सबसे अधिक थे वही पूर्वी चंपारण के रक्सौल का धनगधरवा कौदिहार दूसरा हल्का है जहां 926मामले पेंडिंग पाए गए।

 

समीक्षा के क्रम में पाया गया कि पिछले एक वर्ष से म्यूटेशन से संबंधित पेंडिंग मामलों की संख्या सबसे अधिक पूर्वी  चंपारण के रक्सौल अंचल का है जिसमें 1541 मामले पिछले एक साल से लंबित हैं। वहीं पूर्वी चंपारण के ही सुगौली 1455 के साथ दूसरे स्थान पर है। यानी यह दो ऐसे अंचल है जहां पिछले एक साल से लंबित मामलों की संख्या सबसे अधिक पाई गई है। जबकि पिछले एक साल में पश्चिमी चंपारण के सिकटा में 652 और पूर्वी चंपारण के चकिया 660 मामले लंबित हैं।

समीक्षा के क्रम में म्यूटेशन, भूमि उप समाहर्ताओं द्वारा अधीनस्थ कार्यालयों का किए गए निरीक्षण, भू लगान ,जमाबंदी परिमार्जन ,अभियान बसेरा, लोक भूमि अतिक्रमण और जल निकायों के अतिक्रमण आदि सभी बिंदुओं के आलोक के दृष्टिगत प्रमंडल में वैशाली जिला 73.68 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर और राज्य में दसवें स्थान पर काबिज है। वही मुजफ्फरपुर जिला। 60.54 प्रतिशत के साथ प्रमंडल में दूसरे और राज्य में 15 वें  स्थान पर हैं। शिवहर 55.26%के साथ प्रमंडल में तीसरे और राज्य में 17वे स्थान पर है। पूर्वी चंपारण 26 .32% के साथ प्रमंडल में चौथे एवं राज्य में 28वे स्थान पर वहीं पश्चिमी चंपारण 23.68 के साथ प्रमंडल में पांचवे स्थान पर और राज्य में 29 वें स्थान पर वही सीतामढ़ी प्रमंडल में 6ठे स्थान पर राज्य में 38 वे स्थान पर है।

प्रमंडल स्तरीय जिलों में म्यूटेशन की स्थिति की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि 81.86% के साथ वैशाली प्रथम स्थान पर ,76.09% के साथ पूर्वी चंपारण दूसरा स्थान पर जबकि मुजफ्फरपुर जिला की ऑनलाइन दाखिल खारिज में उपलब्धि 75 .25% रही जबकि 72.89%के साथ सबसे नीचे स्थान पर शिवहर रहा है।

समीक्षा बैठक के पूर्व जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर प्रणव कुमार के द्वारा सभी जिले के जिलाधिकारीगण के साथ आए अन्य पदाधिकारियों एवं मुख्यालय से आए हुए पदाधिकारियों का स्वागत किया गया। जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से संबंधित कार्य आम जनता के कार्यों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारियों को निर्धारित समय सीमा के अंदर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के दिशा में गंभीरता पूर्वक प्रयास करना अपेक्षित है।

उन्होंने कहा कि अधिकारी सेवा-भाव के साथ कार्य करते हुए अपने संवेदनशीलता का परिचय दें ताकि आम-आवाम की समस्याओं का त्वरित निष्पादन हो सके। समीक्षा बैठक में मंच संचालन का कार्य अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन अतुल कुमार वर्मा के द्वारा किया गया जबकि धन्यवाद ज्ञापन अपर समाहर्ता राजस्व राजेश कुमार के द्वारा किया गया।