पटना

मुजफ्फरपुर: स्टेशन पर नहीं गुंजता इन दिनों कुली ए कुली का शोर


लाकडाउन बनी आफत,  रोटी के लाले पड़े, बंद है दौड़ादौड़ी, समान उठाने की होड़ 

मुजफ्फरपुर। कुली ए कुली का शोर अब नहीं मच रहा रेलवे जंक्शन पर। एक समय था कि ट्रेन आने की धमक के साथ ही मुजफ्फरपुर रेलवे जंक्शन पर कुली ए कुली का शोर मचा करते थे। लाल रंग के पोषाक में अपना बिल्ला टांगे कुलियों में होड़ मचा रहता था तब। यात्रियों को पकड़ने की। सामान समेटने, सिर पर उठाने की।

लेकिन जब से कोरोना संक्रमण का दायरा फैला है और लॉकडाउन का ऐलान हुआ है। कुलियों की जान पर आफत बन आई है। रोजी रोटी के लाले पड़े हैं। सवारी की कमी अब उनके जीविका के लिए परेशानी का सबब बन गया है। अव्वल तो ज्यादा सवारी स्टेशन पर पहुंच ही नहीं रहे। जो पहुंचते भी हैं तो कोरोना संक्रमण के डर से सामान भी कुली के हवाले करने से बचते हैं।

ऐसे में कुली की कातर निगाहें उन सवारियों पर टिकी होती है जो अपने साथ सामान लेकर स्टेशन परिसर में प्रवेश पा रहे हैं। नजर आते ही वे दौड़ लगाते हैं। मोल जोल छोड़ कौड़ी के भाव ही सामान उठाते हैं। दूसरी तरफ ट्रेनों की संख्या में कमी के कारण समय काटना भी कुलियों के लिए मुश्किल पड़ रहा है। विभिन्न प्लेटफार्म पर बैठे कुली जैसे-तैसे लॉकडाउन का समय व्यतीत कर रहे हैं। कोई लूडो खेल रहा है। कहीं ताश की विसात बिछी है। कहीं लॉकडाउन की विपदा पर बातें छिड़ी हैं।

गुजरे 25 सालों से रेलवे जंक्शन पर कुली का काम कर रहा रमेश बताता है अब से पहले कभी भी ऐसी बदहाली और लाकडाउन नहीं देखी थी। जो हालात है यह भी कह सकते हैं ऐसी स्थिति आने वाले दिनों में भी नहीं देखेंगे। इसी उधेड़नबून में वैशाली एक्सप्रेस के आने की घोषणा हुई कुली की निगाहें हरकत में आयी। दौड़ पड़े, रोजगार की आस में, तीन नंबर पटरी पर।