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मुफ्त बिजली की जंग DERC चेयरमैन की शपथ पर दिल्ली सरकार को फिलहाल राहत SC ने केंद्र और एलजी को भेजा नोटिस


नई दिल्ली, दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर एलजी और केजरीवाल सरकार के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

ताजा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के अध्यक्ष के रूप में जस्टिस (सेवानिवृत्त) उमेश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह को 11 जुलाई तक स्थगित करने का आदेश दिया है।

केंद्र और एलजी को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति की 22 जून की अधिसूचना को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर केंद्र और उपराज्यपाल को नोटिस भी जारी किया है।

इस दौरान दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह गरीबों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देती है। दिल्ली सरकार का आरोप है कि यह दिल्ली की सबसे लोकप्रिय योजना है और एलजी अपना चेयरमैन नियुक्त कर मुफ्त बिजली बंद करना चाहते हैं।

Supreme Court orders to defer the oath-taking ceremony of the appointment of Justice (retired) Umesh Kumar as the chairperson of the Delhi Electricity Regulatory Commission (DERC) till July 11, the date it will hear the case. pic.twitter.com/g2doxTM7t7— ANI (@ANI) July 4, 2023

बिजली मंत्री आतिशी बीमार

गौरतलब है कि सोमवार यानी 3 जुलाई को बिजली मंत्री आतिशी के बीमार हो जाने से सोमवार को डीईआरसी के अध्यक्ष पद पर मनोनीत न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) उमेश कुमार को शपथ नहीं दिलाई जा सकी। आतिशी शपथ दिलाने वाली थीं, मगर अचानक बीमार हो जाने से कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश कुमार को 21 जून को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। सेवा विभाग पर नियंत्रण के केंद्र के अध्यादेश के बाद डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच नवीनतम टकराव है।

आप ने भी अध्यादेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।अधिकारियों के अनुसार आतिशी ने मनोनीत अध्यक्ष को पत्र लिख कर शपथ के लिए उनकी उपस्थिति के लिए कहा था।अधिकारियों ने बताया कि बाद में आतिशी के बीमार होने के बाद कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।

दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा कि बिजली मंत्री आतिशी आज कार्यालय आई थीं और उनके कार्यक्रम में डीईआरसी के मनोनीत अध्यक्ष को शपथ दिलाने का कार्यक्रम भी शामिल था। वैसे उन्हें अचानक स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उनकी सभी बैठकें और आधिकारिक कार्यक्रम (डीईआरसी के मनोनीत अध्यक्ष को शपथ दिलाने सहित) को स्थगित करना पड़ा।

शपथ ग्रहण को लेकर एलजी ने लिखा सीएम को पत्र

इससे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 27 जून को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर पूर्व न्यायाधीश को पद की शपथ दिलाने में अनावश्यक देरी की बात कह कर नाराजगी जताई थी। सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उसी दिन बिजली मंत्री आतिशी को जितनी जल्दी हो सके शपथ दिलाने के लिए कहा था।

पिछले सप्ताह न्यायमूर्ति कुमार को लिखे अपने पत्र में आतिशी ने शपथ ग्रहण समारोह में देरी को लेकर भ्रम की स्थिति के लिए बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया था।उन्होंने पत्र भेजकर कहा था कि चौंकाने वाले ढीले और गैर-पेशेवर व्यवहार के कारण है कि आपके जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को इस असुविधा से गुजरना पड़ा है।

उन्होंने पत्र में कहा था कि मैंने बिजली विभाग को उस अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जो इसके लिए जिम्मेदार हैं। उसी दिन आतिशी ने सोमवार या मंगलवार को अपने कार्यालय में शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया था।

क्या है विवाद?

बता दें कि इससे पहले आप सरकार ने इस पद के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) आर के श्रीवास्तव के नाम की सिफारिश की थी। वैसे बाद में न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने पारिवारिक प्रतिबद्धताओं और आवश्यकताओं के कारण कार्यभार संभालने में असमर्थता व्यक्त की थी।

इसके बाद में सरकार ने 21 जून को राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संगीत राज लोढ़ा का नाम भेजा था। केंद्र सरकार ने उस शाम न्यायमूर्ति कुमार के नाम को अधिसूचित किया। आप सरकार ने उनकी नियुक्ति को स्पष्ट रूप से असंवैधानिक बताया था।