- नई दिल्ली, । मॉनसून के भारत के दक्षिणी राज्यों से जल्द टकराने वाला है। मौसम विभाग (IMD) ने 31 मई को मानूसन के केरल पहुंचने की भविष्यवाणी की है। ताजा पूर्वानुमान में मौसम विभाग ने कहा कि मौसम विभाग ने कहा कि केरल में मानसून के आगमन में 2 दिन की देरी होने की संभावना है और अब 3 जून तक राज्य में इसकी शुरुआत होने की उम्मीद है। वहीं निजी एजेंसी स्काई मेट ने रविवार को बताया कि मानसून केरल पहुंच चुका है। आम तौर पर ये 1 जून को केरल पहुंचता है। लेकिन, इस बार ये 2 दिन पहले ही आ गया है।
बता दें कि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह तक मॉनसून 21 मई को ही पहुंच चुका था। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने बताया कि केरल में 31 मई के करीब दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। इसके पांच जून तक गोवा पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद यह धीरे-धीरे उत्तर भारत की तरफ कूच करेगा। एक अनुमान के मुताबिक 12 या 13 जून को इसके बिहार में प्रवेश करने की संभावना लग रही है। बिहार में समान्यत: जून से लेकर सितंबर तक मानसून की बारिश होती है। इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार हैं।
वहीं स्काईमेट ने अनुमान लगाया था कि मॉनसून 2021 30 मई को 2 दिन पहले ही आएगा। भारतीय समुद्रों के ऊपर दो चक्रवातों के बावजूद, मॉनसून ने स्काईमेट के साथ तारीख रखी और 1 जून की नियत तारीख से दो दिन पहले आज केरल में प्रवेश किया। इसके आने से पहले, राज्य के अधिकांश हिस्सों में प्री-मॉनसून की बौछारें तेज थीं।
इस साल कैसा मानूसन रहेगा?
मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना है। जून से लेकर सितंबर तक बारिश के आसार जताए गए हैं। पिछले महीने एक पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने कहा था कि मॉनसून की लंबी अवधि का औसत 98 फीसद होगा, जो सामान्य श्रेणी में आता है। मॉनसून की लंबी अवधि का औसत 1961-2010 के बीच मॉनसून में हुई बारिश का औसत बताता है। जो कि 88 सेंटीमीटर बैठता है। 98 फीसद के पूर्वानुमान का मतलब है कि इस साल मॉनसून सीजन के दौरान करीब 86.2 सेंटीमीटर बारिश होगी।