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यातायात, पुलिस तथा परिवहन विभाग मौन: लखनऊ में आज दुर्घटना के बाद भी ट्रैक्टर पर सवारी करते मिले लोग


लखनऊ, : उत्तर प्रदेश की राजधानी को जोडऩे वाले राजमार्गों पर रोज हजारों लोग अपनी जान हथेली पर लेकर यात्रा करते हैं। लखनऊ में सोमवार को बड़ी दुर्घटना (Accident in Lucknow) में दस लोगों की मौत के बाद भी उसी सड़क पर ट्रैक्टर ट्राली (Tactor Trolly) तथा मैजिक की सवारी करते लोग दिखे हैं।

ट्रैक्टर ट्राली के साथ ही सामान ढोने वाले वाहनों तथा ट्रक पर सफर करने वाले लोग दर्जन भर से अधिक थानों के सामने से गुजरते होंगे, लेकिन पुलिस के साथ परिहवन विभाग भी अनदेखी में माहिर हो गया है। सरकार के बड़े दावों की कलई खुलने के बाद पुलिस भी दो-तीन दिन तक सक्रिय रहती है, लेकिन इसके बाद फिर से सब बेपटरी हो जाता है।

सामान ढोने वाले वाहनों की सवारी

प्रदेश में सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण व्यक्ति की अपनी लापरवाही भी है। राज्य सड़क परिहवन निगम के साथ ही प्राइवेट बस तथा अन्य वाहनों के संचालन के बाद भी लोग सामान ढोने वाले वाहनों की सवारी करते हैं। चंद रुपया बचाने के चक्कर में अपना अमूल्य जीवन दांव पर लगाने वाले लोगों को घर-परिवार की भी चिंता नहीं रहती है।

जान हथेली पर रखकर यात्रा

लखनऊ में सीतापुर रोड पर इंटौजा में आज बड़ी दुर्घटना के बाद भी लोगों ने सबक नहीं लिया। हमने दो तस्वीरें आपके सामने रखी भी हैं। इनमें लोग अपनी जान हथेली पर रखकर यात्रा कर रहे हैं। चंद दूरी की यात्रा के लिए जीवन दांव पर लगाने वालों को सबक सीखने की जरूरत है।

चालकों को भी किसी कानून की परवाह नहीं

सामन ढोने वाले वाहन चालकों को भी किसी कानून की परवाह नहीं है। सख्त कानून होने के बाद भी यह उनका पालन नहीं करते हैं। ट्रैक्टर ट्राली का प्रयोग कृषि कार्य या फिर सामान ढोने के लिए होना चाहिए, लेकिन उससे यात्री परिवहन का काम होता है।

नियमों का उल्लंघन खुलेआम

मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मालवाहक वाहनों को केवल सामान ढोने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। इनसे सवारियां लाना ले जाना गैरकानूनी है। बावजूद इसके नियमों का उल्लंघन खुलेआम किया जा रहा है। पुलिस को कहीं पर भी मालवाहक वाहनों में यात्रियों को ढोने के मामले में एमवी एक्ट के तहत सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन यह लापरवाह हैं। इस और जिम्मेदार भी बेखबर हैं।

इसी कारण लोग खतरा मोल लेकर ट्रैक्टर ट्राली से भी यात्रा करते हैं। प्रदेश में लाख दावों के बावजूद यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के सभी अधिकारियों का तंत्र फेल हो रहा है।