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यूपी के पूर्व डीजीपी ने किसानों के प्रदर्शन पर कहा,


  1. नई दिल्ली [प्रकाश सिंह]। सरकार में अगर इच्छाशक्ति हो तो किसी भी प्रदर्शन को सीमित अवधि में ही रोका जा सकता है। राजधानी दिल्ली की सीमाओं और अंदर के मार्गों पर प्रदर्शन लंबे समय तक चला, जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी हुई। प्रदर्शनकारी अगर किसी मांग को लेकर सड़क जाम कर रहे हैं तो इससे निपटने के लिए कई कानून सरकार के पक्ष में हैं। टकराव से बचने के लिए सरकार को पहले प्रदर्शनकारियों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए। मांग के कारणों और उसकी वजहों को जानने के बाद सरकार के प्रतिनिधि को प्रदर्शनकारियों के बीच में समस्या के समाधान के साथ आना चाहिए। अगर मांग सही तो उसे सरकार को तुरंत मान लेना चाहिए, लेकिन अगर प्रदर्शनकारियों की मांग गलत है और उसमें किसी समुदाय, व्यक्ति या गुट का हित है तो वोट की परवाह किए बिना आंदोलन को तुरंत खत्म कराना चाहिए। आइपीसी और पुलिस एक्ट में ऐसे कई कानून हैं, जिनका सहारा लेकर सरकार किसी भी आंदोलन को तत्काल प्रभाव से खत्म करा सकती है। सुप्रीम कोर्ट का भी निर्देश है कि प्रदर्शन के नाम पर किसी का रास्ता रोकना गलत है। अतार्किक मांगों को लेकर रास्ता बंद करना गलत है। विडंबना यही है कि राजनीतिक नुकसान न हो इसके लिए सरकार कानून को पीछे छोड़ देती है। प्रदर्शन के नाम पर जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर देना किसी भी प्रकार से सही नहीं है।