Latest News खेल

रवि शास्त्री ने कहा- सिर्फ इतने देशों को ही खेलना चाहिए टेस्ट क्रिकेट,


नई दिल्ली, । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने टेस्ट क्रिकेट में बदलाव की वकालत करते हुए कहा कि कुछ इस तरह की व्यवस्था किए जाने की जरूरत है जो टेस्ट क्रिकेट की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि सिर्फ 6 टाप की टीमों को ही टेस्ट खेलना चाहिए। जिसका अर्थ है कि विभाजन आगे बढ़ने का रास्ता है। इंग्लैंड में फुटबाल की तरह, जहां प्रीमियर लीग के साथ डिवीजन सबसे ज्यादा हैं, टेस्ट क्रिकेट को भी इसी तरह के प्रारूप की जरूरत है। 

रवि शास्त्री ने आगे कहा कि आपके पास 12 टीमें या 10 टीमें नहीं हो सकतीं। आप सिर्फ टाप की छह टीमों को रखें जिससे की गुणवत्ता बनी रहे साथ ही मात्रा से अधिक गुणवत्ता पर ध्यान दें। यही एकमात्र तरीका है जिससे कि आप अन्य क्रिकेट खेलने के लिए विंडो ओपन करेंगे। यदि आप खेल को फैलाना चाहते हैं तो एक दिवसीय क्रिकेट और टी20 क्रिकेट में टीमों का विस्तार करें। लेकिन टेस्ट क्रिकेट को खेलने वाली टीमों की संख्या कम करनी होगी। ये एक फुटबाल माडल है। आपके पास ईपीएल, ला लीगा, जर्मन लीग, कोपा अमेरिका है। भविष्य में आपको पास भी सिर्फ एक वर्ल्ड कप होगा और बाकी दुनिया भर में होने वाली सभी अलग-अलग लीग होंगी।

 

शास्त्री का मानना है कि निचली रैंकिंग की टीमें इंग्लैंड और भारत जैसे कठिन स्थानों का दौरा नहीं कर पाएंगी और 3 दिनों से अधिक समय तक नहीं खेल पाएंगी। इससे प्रसारकों के साथ-साथ प्रशंसकों को भी नुकसान होगा, जो एक रोमांचक मैच चाहते हैं। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट क्या है। यह आपकी परीक्षा लेता है और इसके लिए आपको गुणवत्ता की आवश्यकता होती है। अगर गुणवत्ता नहीं है तो इसे कौन देखेगा।

उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष सही नहीं है तो आपके पास तीन दिवसीय खेल, दो दिवसीय खेल होंगे। यदि आपके पास ऐसे देश हैं जिन्होंने कभी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है और फिर आप कहते हैं कि ‘भारत आओ’ या ‘इंग्लैंड आओ’, गेंदबाजों के अनुकूल परिस्थितियों में खेल दो दिन, ढाई दिन में खत्म हो जाता है और आपने ब्राडकास्टर से पांच दिनों के लिए पैसे लिए हैं। तो वह दुखी होने वाला है, प्रशंसक दुखी होने वाले हैं और मानक नीचे जाने वाले हैं। गुणवत्ता महत्वपूर्ण है और खेल के उस प्रारूप में भविष्य में जीवित रखने के लिए यह अहम है।