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INS Arihant Ballistic Missile Test: पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत से बैलिस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण की बड़ी बातें


नई दिल्‍ली, । भारत ने शुक्रवार को रक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी हासिल की। भारतीय पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत ने बैलिस्टिक मिसाइल का सफल प्रक्षेपण कर अपनी जवाबी क्षमता का बेजोड़ नमूना पेश किया। रक्षा मंत्रालय ने इस सफल परीक्षण को अभूतपूर्व कामयाबी बताते हुए इसे परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का प्रमुख तत्व करार दिया। मालूम हो कि आईएनएस अरिहंत रणनीतिक लिहाज से भारत की महत्वपूर्ण पनडुब्‍बी है। आइए जानें इस मिसाइल परीक्षण की बड़ी बातें… 

 

दुश्‍मन को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब

भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रणनीतिक लिहाज से बेहद महत्‍वपूर्ण पनडुब्बी INS Arihant से बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण देश के नौसैनिक परमाणु प्रतिरोधक क्षमता की विश्वसनीयता साबित करता है। रणनीतिक जानकारों का कहना है कि तैनाती के बाद भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां जल क्षेत्र से चीन और पाकिस्तान को निशाना बना सकती हैं।

पैमाने पर खरा उतरा पनडुब्‍बी मिसाइल परीक्षण

रक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इस मिसाइल का परीक्षण पूर्व निर्धारित सीमा तक किया गया। INS Arihant से दागे जाने के बाद मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी में लक्ष्य पर पूरी सटीकता के साथ निशाना साधा। पनडुब्‍बी मिसाइल परीक्षण ने अपने सभी परिचालन और तकनीकी मानकों को पूरा किया।

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हर पर मुकाबले के लिए तैयार

नवीनतम पनडुब्बी प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण (submarine launched ballistic missile test) से इस बात की तस्‍दीक होती है कि स्‍वदेशी आईएनएस अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियां हर तरह से दुश्‍मन का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।

परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का बेजोड़ नमूना

रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आईएनएस अरिहंत से एसएलबीएम (पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण) का सफल परीक्षण अपनी मारक दक्षता की तस्‍दीक करता है। यह परीक्षण एसएसबीएन कार्यक्रम के अनुरूप है। साथ ही भारती परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का बेजोड़ नमूना है।

हथियार प्रणाली के सभी मानकों पर मुहर

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि परीक्षण के बाद इस हथियार प्रणाली के सभी मानकों पर मुहर लग गई है। यह परीक्षण भारत की ‘विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता’ की नीति के मुताबिक मजबूत जवाबी क्षमता सुनिश्चित करता है। भारत अपने हथियारों की ‘पहले इस्‍तेमाल नहीं करने’ की प्रतिबद्धता पर कायम है।

तीन स्‍वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों का संचालन कर रहा भारत

मौजूदा वक्‍त में भारत तीन स्‍वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों का संचालन कर रहा है। भारत ने दो पनडुब्बी प्रक्षेपित सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें K-15 और K-4 भी विकसित की हैं। इनकी मारक क्षमता 3,500 किमी है, जो चीन के खिलाफ परमाणु प्रतिरोध सुनिश्चित करती है।

न्‍यूक्‍ल‍ियर पनडुब्बियों के निर्माण पर फोकस

भारत परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों के निर्माण पर लगातार काम कर रहा है। यही नहीं भारत पनडुब्बि‍यों से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को लेकर भी काम कर रहा है। यह भारत का अब तक का सबसे जटिल हथियार विकास कार्यक्रम (weapons development programme) है।

परमाणु शक्ति संपन्न पनडुब्बि‍यां रखने वाला दुनिया का छठा देश

भारत बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस परमाणु शक्ति संपन्न पनडुब्बि‍यां रखने वाला दुनिया का छठा देश है। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के पास भी यह क्षमता है। आईएनएस अरिहंत भारत की पहली स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी है। जुलाई 2009 में विजय दिवस (कारगिल युद्ध विजय दिवस) की वर्षगांठ पर पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर के हाथों इसकी लॉन्चिंग हुई थी।