पटना

राजगीर: प्रकृति बचेगी तभी जनजीवन बचेगा : डीआईजी


सीआरपीएच प्रशिक्षण केंद्र द्वारा किया गया 10 हजार पौधारोपण

राजगीर (नालंदा) (आससे)। सीआरपीएफ प्रशिक्षण केंद्र राजगीर द्वारा 10 हजार पौधारोपण का लक्ष्य इस वर्ष निर्धारित किया गया है। पौधारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर केंद्र के प्राचार्य डीआईजी ब्रिगेडियर के वीरेंद्र सिंह ने किया। इस मौके पर डीआईजी ने प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रकृति बचेगी तभी जनजीवन बचेगा। प्रकृति के बेहिसाब दोहन के कारण ही जल, जंगल और जमीन प्रभावित हो रही है। इसका प्रतिकूल असर मानव जीवन  पर पढ़ रहा है। प्रकृति संरक्षण और प्रदूषण मुक्त वातावरण के लिए हर व्यक्ति को बढ़ चढ़कर अभियान के रूप में हिस्सा लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण केंद्र के आसपास के सार्वजनिक स्थलों जैसे चैनपुर, कुबड़ी, वीरायतन रोड, मोड़ एवं अन्य स्थानों पर करीब 10 पर अलग-अलग तिथियों में पौधारोपण किया जाएगा। डीआईजी ने कहा कि विकास की छिड़ी दौड़ में जल, जमीन व वायु के प्रदूषित होने से आवोहवा खराब हो रही है। सर्वत्र प्रदूषण चरम स्तर पर है। प्रकृति, संस्कृति व पर्यावरण के साथ सामंजस्य बनाकर प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन शोषण पर नियंत्रण आवश्यक है। पर्यावरण सरंक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के नियम कानूनों की सख्ती से अनुपालन कर प्रदूषण कम किया जा सकता है।

ब्रिगेडियर सिंह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए केवल सरकार और समाज ही नहीं बल्कि हर आयु वर्ग के लोगों को सचेष्ट होना होगा। जन्मदिन, वैवाहिक दिन के अलावे विभिन्न प्रकार के अनुष्ठानों एवं कार्यक्रमों के मौके पर भी पौधारोपण कर धरती को हराभरा बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दल के दलदल, जाति, वर्ण, धर्म, अमीर-गरीब की दीवारों को समाप्त कर  प्रकृति, संस्कृति और पर्यावरण को संरक्षित करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर प्रशिक्षण केंद्र के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार, जेएच मंडल, उप कमांडेंट फिरोज अली, अंजन मंडल, एके चौधरी, सहायक कमांडेंट आर एस भट्टी, ज्योति कुमार वर्मा, हरेराम एवं रेंजर अमृतधारी सिंह एवं अन्य लोग उपस्थित थे।