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राम मंदिर निर्माण पर 57 मुस्लिम देशों की आ गई प्रतिक्रिया, विवादित ढांचे पर क्या बोले?


नई दिल्ली। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पर दुनियाभर के ज्यादातर देशों ने खुशी जाहिर की। हालांकि, इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने राम मंदिर के निर्माण की निंदा की है। ओआईसी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि इस्लामिक स्थल (बाबरी मस्जिद) को ध्वस्त कर बनाई गई इस मंदिर की हम निंदा करते हैं।

प्राण-प्रतिष्ठा पर ओआईसी ने जताई आपत्ति

57 देशों के मुस्लिम संगठन, ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा के हवाले से संगठन ने कहा,”ओआईसी के महासचिव ने भारत के अयोध्या में पहले से बनी बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर हाल ही में बनी राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।”

पोस्ट में आगे लिखा गया,”पिछले सत्रों के दौरान विदेश मंत्रियों की परिषद में लिए गए फैसले के अनुरूप ओआईसी जनरल सचिवालय इन कदमों की निंदा करता है। इसका लक्ष्य बाबरी मस्जिद जैसे इस्लामिक स्थलों को नष्ट करना है. बाबरी मस्जिद पिछले 500 सालों से उसी जगह पर खड़ी थी।”

पाकिस्तान ने भी राम मंदिर उद्घाटन पर उगला जहर

इससे पहले सोमवार को पाकिस्तान ने भी प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के खिलाफ जहर उगला था। पाकिस्तान ने कहा कि ‘भारत में ‘हिंदुत्व’ विचारधारा का बढ़ता धार्मिक सद्भाव और क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा है।’ इसके अलावा पाकिस्तान ने भारत सरकार से मुसलमानों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके पवित्र स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा है।

ओआईसी का भारत सदस्य नहीं

ओआईसी 57 देशों वाला एक संगठन है। ओआईसी में खाड़ी देश सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा है। बता दें कि ओआईसी में भारत का कोई सदस्य नहीं है, न ही भारत को पर्यवेक्षक का दर्जा मिला है। इस मंच के जरिए पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ जहर उगलता आया है।