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राम मंदिर: राजनाथ सिंह बोले-जलाभिषेक के लिए सभी देशों से आए पानी


  • नई दिल्ली: अयोध्या स्थिति राम मंदिर के पहले चरण का काम खत्म हो गया है। मंदिर का फाउंडेशन बनकर तैयार है। दूसरे चरण का काम शुरू हो गया। दिल्ली स्टडी ग्रुप के अध्यक्ष और भाजपा नेता विजय जॉली राम मंदिर निर्माण के लिए 115 देशों और 7 महाद्वीपों से जल लेकर आये हैं। आज ये जल का कलश रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को सौंपा गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर विधि विधान से पूजा करके इस जल को शीघ्र ही अयोध्या भेजा जा रहा है।

इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि, भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां ऋषियों ने पूरी दुनिया को अपना परिवार माना और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश दिया। इसलिए जलाभिषेक और निर्माण के लिए पानी सभी देशों से आना चाहिए। उन्होंने आगे रहा कि, भारतीयों ने हिंसा का सहारा नहीं लिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू हुआ। यह भारतीयों के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण है। भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो जाति, पंथ और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता है।

अभी हाल ही में दिल्ली के एक गैर सरकारी संगठन ने दावा किया था कि उसने राम मंदिर निर्माण के लिए 115 देशों से पानी मंगवाया है। पिछले साल 25 अगस्त के दिन जल लाने के अभियान की शुरुआत की गई थी। राम मंदिर के गर्भगृह में अर्पण करने के लिए जल प्रमुख रूप से ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, कनाडा, चीन, कंबोडिया, क्यूबा, उत्तरी कोरिया, फिजी, फ्रांस, जर्मनी, गुयाना, हांगकांग, इटली, इंडोनेशिया, आयरलैण्ड, इजराइल, आइसलैंड, भारत, जापान, केन्या, लाइबेरिया, मलेशिया, मकाऊ, मॉरीशस, मोंटेनेग्रो, म्यांमार, मंगोलिया, मोरक्को, मालदीव, न्यूजीलैंड, नाइजीरिया, नेपाल से लाया गया है।