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लखीमपुर खीरी हिंसा : SC ने SIT जांच की निगरानी कर रहे जज की रिपोर्ट पर UP सरकार से मांगा जवाब


नई दिल्ली । लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri case) मामले में बुधवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। कोर्ट ने एसआईटी जांच की निगरानी कर रहे जज की रिपोर्ट पर उतर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट  ने रिपोर्ट देखकर कहा है कि निगरानी जज ने राज्य सरकार को आशीष मिश्रा की जमानत रद कराने को अपील दाखिल कराने के लिए पत्र लिखा था। सरकार इस पर सोमवार तक जवाब दे।

वहीं प्रदेश सरकार ने SIT जज का पत्र मिलने से अनभिज्ञता जताई। कोर्ट ने रिपोर्ट की कापी सरकार और पक्षकारों को देने का निर्देश देते हुए सुनवाई सोमवार तक टाल दी है। इस मामले मे कोर्ट हिंसा मे मारे गए लोगों के परिजनों की आशीष मिश्रा की जमानत रद करने की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। बता दें कि SIT की निगरानी कर रहे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज ने आशीष मिश्रा की जमानत रद करने की याचिका करने की सिफारिश की है। इसके लिए जज ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा और इसपर सोमवार तक जवाब देने को कहा है।

ये है पूरा मामला

साल 2021 के तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का दौरा था। तिकुनिया इलाके में कुछ किसान उपमुख्यमंत्री के दौरे का विरोध कर रहे थे तभी एक एसयूवी कार ने कुछ लोगों को कुचल दिया था। इस घटना के बाद हिंसा भड़क गई। घटना से क्रोधित किसानों ने एक ड्राइवर और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। आरोप है कि जिस कार से किसानों को कुचला गया, उसे आशीष मिश्रा चला रहा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी। एसआइटी की जांच के बाद आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया था।