पटना

विधान परिषद में शिक्षा मंत्री की घोषणा- 1172 विद्यालय सहायकों व 1129 परिचारियों की शीघ्र होगी बहाली


(आज समाचार सेवा)

पटना। विधान परिषद के सदस्य केदार नाथ पाण्डेय के प्रश्नों का जबाब देते हुए बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि प्रावधानों के अनुरूप संकल्प संख्या ११२८ दिनाक ११ अगस्त २०२० के द्वारा विद्यालय सहायक एवं विद्यालय परिचारी के पद नियुक्ति एवं उनके सेवाशर्त का गठन किया गया है। उन्होनें कहा कि विद्यालय सहायक के ११७२ और विद्यालय परिचारी के ११२९ पद सृजित किये गये है। उन पदो पर नियोजन की प्रकिया से संबंधित निदेश विभाग द्वारा निर्गत करने के उपरांत नियुक्ति की कारवाई की जायेगी।

उन्होने यह भी कहा कि राजकीयकृत उच्च विद्यालयों एवं प्रोजेक्ट कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लिपिक एव आदेशपाल के स्वीकृत पद ३२४९ और ६४८४ है। इसमें से रिक्त पदों की संख्या क्रमश: १३७९ एवं ११२९ है। श्री चौधरी ने केदार नाथ पाण्डेय के एक और सवाल का जबाब देते हुए कहा कि बिहार सरकार द्वारा विहित प्रावधानो के अधीन जिला परिषद एवं नगर निकाय द्वारा माध्यमिक विद्यालय एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकेत्तर कर्मी नियुक्त किये जायेंगे, जो शिक्षण कार्य में संलग्न नहीं होंगे।

बिहार विधान परिषद के सदस्य सजीव श्यामा सिंह के तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए शिक्षा मत्री विजय चौधरी ने कहा कि वित्तिय वर्ष २०१९-२० मे कुल ५३,३२७ आवेदकों को १२९२.१५ करोड के शिक्षा ऋण की राशि बिहार क्रेडिट कार्ड योजना के अन्तर्गत स्वीकृत किया गया। यह राशि उन आवेदको के लिए पूरे पाठ्यक्रम की अवधि के लिए था न कि संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए। सदन को बताया कि वित्तीय वर्ष २०१९-२० में ६३०.२२ करोड की राशि वितरित की गयी जो इस वर्ष के लिए संस्थान को देय ट्यूशन फी आदि की राशि थी।

उन्होने यह भी बताया कि वर्ष २०१९-२० में कुल ७५००० छात्रों को इस योजना से लाभांविन्त करने की अनुमानित लक्ष्य निर्धारित किया गया था तथा ८०४०१ आवेदन प्राप्त भी हुए थे किन्तु राज्य सरकार के निर्णय के आलोक मे विभाग द्वारा निर्णय लिया गया की राज्य के बाहर के सक्षम प्राधिकार से मान्यता प्राप्त गैर सरकारी अथवा निजी शिक्षण संस्थानो मे नामांकित या नामांकन के लिए चयनित आवेदको को इस योजना का लाभ प्राप्त होगा जिसके संस्थान को राष्ट्रीय मूल्याकंन एवं प्रत्यायन परिषद के द्वारा न्यूनतम ग्रेड ए प्राप्त है अथवा केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मत्रालय भारत सरकार के द्वारा निर्गत एनआईआरएफ की रैकिग प्राप्त है।

उक्त आलोक में वैसे आवेदक जिनके संस्थान वाछित अर्हता प्राप्त नही करते है उन आवेदनो को अस्वीकृत कर दिया गया है। अत: लक्ष्य की अपेक्षा लगभग ७४ प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त की गयी है।

विधान पार्षद सुमन कुमार के सवालो का जबाब देते हुए विजय चौधरी ने बताया कि विद्यालय भवन निर्माण एवं अन्य संबंधित कार्ये के लिए सत्य नारायण प्रसाद अग्रवाल के द्वारा १ बिगहा १० कट्ठा भूमि दान हेतु शपथ पत्र दिया गया। भूमि को राज्यपाल के नाम से निबंधित करने की प्रक्रियाधीन है। उक्त भूमि पर भवन का निर्माण कार्य फिनिसिग स्तर पर है जो १५ मार्च २०२१ तक पूर्ण हो जाएगा।

विधान परिषद मे सर्वेश कुमार के प्रश्नों का जबाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायत मे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं प्रत्येक अनुमंडल में डिग्री महाविद्यालय खोलने का स्वतंत्र निर्णय लिया है। इसके अलावे राज्य सरकार द्वारा राज्य के सभी प्रमंडल मुख्यालयो मे विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है। वही दरभंगा जिला मुख्यालय मे पूर्व से ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा एवं कामेश्वर सिह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा संचालित है जिसमे सह शिक्षा की व्यवस्था है ऐसे में दरभंगा में महिला विश्वविद्यालय खोलने की कोई योजना नही है।

सदस्य विधान परिषद सच्चिदानंद राय ने प्रश्न किया की सारण जिला अन्तर्गत लोकमान्य उच्च विद्यालय-सह इंटर कॉलेज छपरा के खेल मैदान में बरसात के समय तीन चार फीट पानी का जल जमाव हो जाता है जिसके कारण शिक्षण कार्य बन्द हो जाता? कॉलेज प्रबंध समिति के पास प्रांगड़ में मिट्टी भराई एव सौन्द्रयीकरण हेंतु कोष का अभाव है?

शिक्षामंत्री विजय कुमार चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि अत्याधिक वर्षापात होनें की स्थिति में खेल के मैदान में जल जमाव हो जाता है। कॉलेज मे जलजमाव के कारण छात्रो को जरूर कठिनाई होती है किन्तु शिक्षण कार्य बंद नही होता है। जहॉ तक कोष मे राशि होने की बात है वर्तमान में विद्यालय प्रबंध समिति के पास विकास कोष मे लगभग १२ लाख रूपया उपलब्ध है।

उन्होने एक और सवाल का जबाब देते हुए कहा कि विद्यालय के जमीन सर्वे ने ४८८ एवं ४८९ पर चल रहे स्वत्ववाद संख्या ५८/१६ सफीक आलम बनाम बिहार सरकार दायर है। उक्त भूमि पर मिट्टी भराई एवं चाहरदिवारी निर्माण के लिए विधान परिषद सदस्य सच्चिादानंद राय के एच्छिक कोष से उपलब्ध करायी गयी राशि से निर्माण के लिए अनुमति प्रार्थना पत्र न्यायालय में दायर की गयी थी।

उक्त के विरोध में वादी द्वारा विरोध पत्र दायर किया गया है, जिस पर न्यायालय द्वारा अद्यतन किसी प्रकार का आदेश पारित नही किया गया है अनुमति मिलने पर उक्त अनुशंसित योजना की राशि वापस कर दी जायेगी। श्री चौधरी ने सदन को बताया कि न्यायालय मे दुबारा अर्जी दायर कर अनुमति मांगी जायेगी। अनुमति मिलने पर विकास मद मनरेगा से मिट्टी भराई एवं चाहरदिवारी का निर्माण करा दिया जायेगा।