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विमान यात्रा में दिव्यांगजन के लिए ये हैं नियम और अधिकार, सख्त कार्रवाई का भी है प्रावधान


नई दिल्ली: रांची में शनिवार को एक दिव्यांग बच्चे को हैदराबाद जा रहे विमान में चढ़ने से इंडिगो एयरलाइन के कर्मी द्वारा रोक दिया गया था। घटना के बाद एक बड़ा प्रश्न यह है कि क्या विशेष सहायता की आवश्यकता वाले दिव्यांगजन को विमान से प्रवेश में अंतिम समय में एयरलाइन रोक सकती है। आइए जानें दिव्यांगजन की विमान यात्रा से जुड़े अधिकार और नियम:

डीजीसीए करता है नियमन: 2021 में अभिनेत्री सुधा चंद्रन द्वारा एयरपोर्ट पर जांच के दौरान कृत्रिम पैर निकलवाए जाने की पीड़ा जाहिर करते हुए दिव्यांगों के लिए सहूलियत की मांग इंटरनेट मीडिया पर की गई थी। इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नए नियमों का ड्राफ्ट जारी कर लोगों से सुझाव भी मांगे थे। नियमों का पालन महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन (डीजीसीए) कराता है।

इस ड्राफ्ट के अनुसार एयरपोर्ट आपरेटर को ध्यान रखना होगा विशेष जरूरतों वाले यात्रियों के लिए जांच प्रक्रिया ऐसी हो कि उनका सम्मान और निजता का हनन न हो सके।

  • कृत्रिम अंगों की जांच के समय सुरक्षा बल एक्सरे और विस्फोटक का पता लगाने वाले यंत्र (ईटीडी) आदि का प्रयोग जरूरत के हिसाब से करें।
  • यदि कृत्रिम अंग में फोम आदि नहीं लगा है जिसमें हथियार छिपाने की गुंजाइश हो तो ऐसे कृत्रिम अंग को उतरवाकर देखने के बजाय सामान्य निरीक्षण या ईटीडी का प्रयोग ही करना होगा।
  • दुर्लभतम मामलों में ही यात्री से कृत्रिम अंग उतारने को कहा जा सकता है। सुरक्षाकर्मी को इसका कारण अवश्य बताना होगा।
  • कान की मशीन, कोकलियर इंप्लांट, स्पाइनल सिमुलेटर आदि डिवाइस का प्रयोग करने वाले यात्रियों के लिए भी दिशा निर्देश बनाए गए हैं। ऐसे यात्रियों को एक्सरे जांच के लिए अपनी डिवाइस बंद करनी होगी।
  • यात्रा से करीब 48 घंटे पहले दिव्यांग यात्रियों को एयरलाइन को अपनी जरूरतों के बारे में सूचित करना होगा।
  • व्हीलचेयर की आवश्यकता वाले यात्रियों के लिए बैगेज मेकअप क्षेत्र (विमान में चढ़ाने के लिए सामान एकत्र करने वाले स्थान पर) में एयरलाइन को एक सहायक के साथ यह सुविधा उपलब्ध करानी होगी।

सख्त कार्रवाई का प्रविधान

  • केंद्र सरकार ने दिव्यांगों के अधिकार अधिनियम-2016 में दिव्यांगजन के अधिकारों और उनसे जुड़े नियमों को लेकर सख्त प्रविधान किए हैं। सार्वजनिक जगहों पर इन्हें अपमानित करने या धमकी देने को अपराध घोषित किया गया है। ऐसा करने पर छह माह से लेकर पांच वर्ष तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है।
  • दिव्यांग अधिकारों के लिए काम करने वाले सुनील कुमार के अनुसार शारीरिक क्षमता के आधार पर विमान में प्रवेश से नहीं रोका जा सकता है।

इन स्थितियों में एयरलाइन के पास बोर्डिंग से रोकने का अधिकार 

  • यमों के अनुसार यदि एयरलाइन कर्मियों को लगता है कि किसी यात्री के कारण अन्य यात्रियों को परेशानी हो सकती है, तो वह बोर्डिंग रोक सकते हैं।
  • किसी व्यक्ति से विमान की सुरक्षा को खतरा महसूस होने पर भी एयरलाइन उसे बोर्डिंग से रोक सकती हैं या उतार भी सकती है।