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विशाखापत्तनम में 12वें प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू का आयोजन


विशाखापत्तनम,: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 12वें प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू के कार्यक्रम में शिरकत की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद हैं। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 12वें प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू कार्यक्रम में गार्ड आफ आनर दिया गया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नौसेना के स्वदेश निर्मित अपतटीय गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा पर सवार हुए। इसके बाद ईस्टर्न नेवल कमांड ने राष्ट्रपति फ्लीट रिव्यू के 12वें संस्करण के दौरान 21 तोपों की सलामी दी। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं। बता दें कि, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 60 से अधिक जहाज और पनडुब्बियों समेत 55 विमानों वाले भारतीय नौसेना बेड़े की समीक्षा की। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर विशाखापत्तनम में राष्ट्रपति के बेड़े की समीक्षा का 12वां संस्करण आयोजित किया जा रहा है।

दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सबसे पहले विशाखापत्तनम में आयोजित 12वें प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू कार्यक्रम में पहुंचे। यहां उन्हें गार्ड आफ आनर दिया गया। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नौसेना के स्वदेश निर्मित अपतटीय गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा पर सवार हुए। इस दौरान राष्ट्रपति ने आईएनएस सुमित्रा में सवार होकर नौसेना के बेड़े की समीक्षा की। इनमें आईएनएस तरंगिनी, आईएनएस ज्योति, आईएनएस सुदर्शनी, INLCU 51, आईएनएस कुलिश, सागर अन्वेषिका, आईएनएस जमुना, ICGS वरद, ICGS शौनक, आईएनएस सुतलेज, आईएनएस सर्वेक्षक, आईएनएस कमरोटा शामिल हैं। 12वें प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू का विशेष महत्व है कि इसे भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरे देश में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है।

इसके अलावा समीक्षा के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संचार राज्य मंत्री देवुसिंह जे चौहान की उपस्थिति में माननीय राष्ट्रपति द्वारा एक विशेष फर्स्ट डे कवर और एक स्मारक डाक टिकट जारी किया जाएगा। लंगरगाह में जहाजों को दिन के दौरान पूरे राजसी अंदाज में विभिन्न नौसैनिक झंडों के साथ औपचारिक रूप से तैयार किया जाएगा। 19 और 20 फरवरी 22 को सूर्यास्त से मध्यरात्रि तक उन्हें रोशन किया जाएगा, जिसे विशाखापत्तनम के नागरिक समुद्र तट के सामने से देख सकते हैं। आपको बता दें कि, ये दूसरी बार है जब विशाखापत्तनम पीएफआर की मेजबानी करेगा। पहली बार 2006 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने विशाखापत्तनम में नौसैनिक बेड़े की समीक्षा की थी।