पटना

विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की प्रोन्नति का कानून बदलेगा


नये परिनियम के तहत होगी असिस्टेंट प्रोफेसर की प्रोन्नति, कुलपतियों की कमेटी ने तैयार किया ड्राफ्ट, उच्चतर शिक्षा परिषद की मंजूरी के बाद लगेगी शिक्षा विभाग की मुहर

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की प्रोन्नति का नया नियम लागू होगा। नये नियम के लागू होते ही इसी के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर की प्रोन्नति होगी। विश्वविद्यालय शिक्षकों की प्रोन्नति का नया नियम लागू करने के लिए प्रस्तावित परिनियम का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इसमें उच्चस्तरीय मानकों को आधार बनाया गया है। इसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के 2018 के प्रावधानों को भी आधार बनाया गया है।

माना जा रहा है कि विश्वविद्यालयों में नया शैक्षिक सत्र शुरू होने के साथ ही शिक्षकों की प्रोन्नति का नया परिनियम लागू हो जायेगा। प्रस्तावित परिनियम के ड्राफ्ट कुलपतियों की एक कमेटी ने अंतिम रूप देकर बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद को सौंपा है। परिषद की औपचारिक मंजूरी के बाद इसे शिक्षा विभाग को भेजा जायेगा। राज्य में विश्वविद्यालय शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए अब तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का 2005 का परिनियम लागू था, जबकि इस बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 2010 और 2018 का परिनियम प्रभावी किया।

यह बात दीगर है कि शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों में सात माह पहले से ही असिस्टेंट प्रोफेसर की प्रोन्नति पर रोक लगा दी। अब प्रस्तावित परिनियम के अस्तित्व में आने के बाद प्रोन्नति होगी। प्रस्तावित परिनियम के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर (एकेडमिक लेवल 10) के वरिष्ठ असिस्टेंट प्रोफेसर (एकेडमिक लेवल 11)   में प्रोन्नति के लिए चार साल की सेवा, पीएचडी अथवा पांच साल की सेवा के साथ एम.फिल. अथवा प्रोफेशनल कोर्स में डिग्री जरूरी होगी।

साथ ही 21 टीचिंग और रिसर्च मेथेडोलॉजी में काम भी करना होगा। रिसर्च पेपर का प्रकाशन, रिफ्रेशर कोर्स और प्रोमोशन स्क्रीनिंग कमेटी की गुड ग्रेड भी जरूरी होगा। असिस्टेंट प्रोफेसर सीनियर लेवल 11 से 12 में प्रोन्नति के लिए, असिस्टेंट प्रोफेसर लेवल 12 से एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर एवं सीनियर प्रोफेसर के पदों पर प्रोन्नति के साथ ही लाइब्रेरियन के प्रोफेसर के लिए मानक तैयार किये जा रहे हैं।