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वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में बनी रहेगी: निर्मला सीतारमण


नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर है। वाशिंगटन में गुरुवार को उन्होंने कई देशों के वित्त मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। सीतारमण आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों, जी20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर (एफएमसीबीजी) की बैठकों में भाग लेने के लिए अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वाशिंगटन डीसी में IMF मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा और वित्तीय समिति की पूर्ण बैठक में भाग लिया।

इस दौरान बैठक में उन्होंने कहा, वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में बनी रहेगी और वित्त वर्ष 2022-23 में 7% की दर से बढ़ने का अनुमान है।

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने विश्‍व बैंक से आग्रह किया कि वह सब्सिडी पर दिशाहीन दृष्टिकोण से बचें और अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अलग-अलग जिम्‍मेदारियों के साथ मूल सिद्धांतों पर अपना फोकस बनाएं रखें।

वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि खाद्य और ऊर्जा संकट पत्र” ऊर्जा की क्षमता के साथ-साथ आपकी इच्छा के मुताबिक ईंधन के रूप की समझ रखता है।

उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फसल के नुकसान और खाद्य अपशिष्ट को कम करना हमारी प्राथमिकता होना चाहिए।

सीतारमण ने महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों के केंद्रित विषयों पर वाशिंगटन डीसी में वैश्विक वित्त मंत्रियों और शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ बैक-टू-बैक द्विपक्षीय बैठकें की है।

वित्त मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ से IMF-WB की बैठक के इतर मुलाकात की और खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा मुद्दों सहित वर्तमान वैश्विक मामलों पर चर्चा की।

 

उन्होंने वैश्विक ऋण कमजोरियों, जलवायु मामलों, डिजिटल संपत्ति और आगामी G20 इंडिया प्रेसीडेंसी पर भी बातचीत की।

गुरुवार को वित्त मंत्री सीतारमण ने वाशिंगटन डीसी में जी20 के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स की बैठक के दूसरे दिन भाग लिया।

 

कई प्रमुख मुद्दों को लेकर चर्चा

वित्त मंत्री ने दुनिया भर के कई देशों के वित्त मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें की। उन्होंने ओईसीडी, यूरोपीय आयोग और यूएनडीपी के नेताओं और प्रमुखों के साथ भी बैठकें की हैं। आईएमएफ और विश्व बैंक की बैठकों से इतर सीतारमण ने मंगलवार को मिस्र, भूटान, नीदरलैंड, सऊदी अरब और दक्षिण कोरिया के मंत्रियों से मुलाकात की। उन्होंने ओईसीडी के महासचिव माथियास कॉर्मन और एफएटीएफ के अध्यक्ष राजा कुमार से भी मुलाकात की।

अक्षय ऊर्जा पर विचारों का आदान प्रदान

ओईसीडी महासचिव के साथ वार्ता में वित्त मंत्री ने साल 2023 में भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी में द्विपक्षीय जुड़ाव और OECD के समर्थन पर चर्चा की। वहीं, मिस्र की अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री रानिया अल मशात के साथ द्विपक्षीय बैठक करते हुए, सीतारमण ने दोनों देशों में अक्षय ऊर्जा पर विचारों का आदान-प्रदान किया। सीतारमण ने नीदरलैंड के वित्त मंत्री सिग्रिड काग से मुलाकात की, इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत जी20 में नीदरलैंड के साथ जुड़ने के लिए उत्सुक है। सीतारमण ने जी20 से संबंधित कई मुद्दों पर भी चर्चा की, जैसे कि global public goods, ऋण और जलवायु से जुड़े हुए मुद्दे।

जी20 प्रेसीडेंसी के लिए मांगा सहयोग

वहीं, सऊदी अरब के वित्त राज्य मंत्री मोहम्मद अल जादान के साथ बैठक में भारत-सऊदी द्विपक्षीय सहयोग के मामलों के साथ-साथ कई आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान दक्षिण कोरिया के उप प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री चू क्यूंग-हो के साथ, सीतारमण ने अगले साल भारत की जी20 प्रेसीडेंसी के लिए दक्षिण कोरिया का समर्थन मांगा।

क्या है इस यात्रा का मकसद

वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि प्रमुख व्यापारिक नेताओं और निवेशकों के साथ इन बैठकों का उद्देश्य भारत की नीतिगत प्राथमिकताओं को उजागर करना है। इसके साथ ही इस यात्रा का उद्देश्य इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में भारत की खूबियों को दुनिया के सामने लाकर विदेशी निवेश को सुविधाजनक बनाने के उपायों पर विचार-विमर्श करना है।