पटना

संस्कृति, परम्परा एवं महापुरूषों के सम्मान के लिए मनाया जाता है बिहार दिवस : राज्यपाल


बिहार दिवस का समापन

(आज समाचार सेवा)

पटना। बिहार दिवस के आयोजन अपनी संस्कृति, परम्परा एवं महापुरूषों के प्रति सम्मान व कृतज्ञता का भाव जगाने में सहायक और भावी जीवन के लिए प्रेरक है। उक्त बातें महामहिम राज्यपाल फागू चौहान ने गांधी मैदान में आयोजित बिहार दिवस के समापन समारोह के अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि वैदिक और पौराणिक काल से यह क्षेत्र अपने वैभव और गरिमा के लिए याद किया जाता है। राजर्षि जनक, ऋषि विश्वामित्र, चाणक्य और चन्द्रगुप्त की यह भूमि है। इसे प्राचीन काल से इसे मगध के नाम से जाना जाता है। जिसकी राजधानी पाटलिपुत्र थी।

उन्होंने कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बिहार की अपनी पहचान रही है। यह भगवान बुद्घ, भगवान महावीर और गुरू गोविंद सिंह की पवित्र धरती है। विश्व के प्राचीनतम एवं समृद्घ तीन विश्वविद्यालयों में बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय है। विश्व क प्राचीन एवं श्रेष्ठ गणितज्ञ आर्यभट्ट की प्रयोगशाला पटना के पास तारेगना एवं खगौल में थी। उन्होंने कहा कि बिहार देशरत्न डा. राजेन्द्र प्रसाद, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डा.श्रीकृष्ण सिंह, पंडित विनोदानंद झा, कर्पूरी ठाकुर सहित कई विभूतियों की जन्म एवं कर्मभूमि रही है। उन्होंने कहा कि बिहार संस्कृति एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा है। कार्यक्रम में बटरफ्लाइस फ्लाइंग कलर्स ऑफ पटना जू नामक पुस्तक का लोकार्पण हुआ।

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बिहार दिवस के समापन समारोह के अवसर पर कहा कि जिस तरह इंसान का जन्मदिन मनाया जाता है, ठीक उसी तरह बिहार दिवस का जन्मोत्सव मनाया जाता है। आज पटना की पहचान की दिवस है। उन्होंने कहा कि जब से बिहार की बागडोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ में आया, तब से बिहार आगे बढ़ रहा है। हमारे पास सीमित साधन है, इसके बावजूद बिहार किसी राज्य से कम नहीं है। बिहार ने पूरे देश को रौशनी दिखायी है। महिला सशक्तिकरण नीतीश कुमार के नेतृत्व में देश को दिखाया है। बिहार आज सोचता है तो देश कल सोचता है। मुख्यमंत्री की यहीं पहचान है।

उन्होंने शराबबंदी पर जिक्र करते हुए कहा कि शराब से पैसा खर्च, स्वास्थ्य खराब और सामाजिक विश्वसनीयता समाप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने दहेज उन्मूलन पर भी जोरों पर काम चल रहा है। अगर कोरोना के स्थिति ठीक रही तो अगले साल बिहार दिवस को और भव्य दिवस मनाया जाएगा। बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि जब तक डबल इंजन की सरकार रहेगी, तब तक बिहार की विकास होती रहेगी। विभिन्न कारणों के कारण तीन साल तक बिहार दिवस नहीं मनाया गया। लेकिन, इस बार बिहार दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। अगले साल इससे भी ज्यादा भव्य तरीके से मनाया जाएगा।

कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार, राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल.चोंग्थू, शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा, माध्यमिक शिक्षा के निदेशक मनोज कुमार, जिलाधिकारी पटना डा.चन्द्रशेखर सिंह, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री सहित कई पदाधिकारीगण मौजूद रहे।