Latest News नयी दिल्ली

सरकार कुछ कंपनियों के “इंटरनेट साम्राज्यवाद” को स्वीकार नहीं करेगी- रविशंकर प्रसाद


केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा कि सरकार अब दुनिया की कुछ कंपनियों के “इंटरनेट साम्राज्यवाद” को स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वे (कंपनियां) स्थानीय विचारों, संस्कृति, परंपरा और भावनाओं का सम्मान करें. रविशंकर प्रसाद का यह बयान सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा हाल में सोशल मीडिया के लिए लाए गए ‘इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड’ के बाद आया है.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में रविशंकर प्रसाद ने कहा, “कंपनियों के किसी भी तरीके का इंटरनेट साम्राज्यवाद सीधा अस्वीकार्य है. अगर आज इंटरनेट एक वैश्विक तथ्य है, तो यह इसलिए बना है क्योंकि इसने दुनिया भर में लोगों को सशक्त किया है. इसने भौतिक दुनिया की सीमाओं को पार किया है. इसे सम्मान करने की जरूरत है.”

सोशल मीडिया के लिए नई गाइडलाइंस पर उठ रहे सवालों का भी रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि नए नियम एक आर्किटेक्चर की तरह है और कंपनियों को इसका पालन खुद से करना होगा, ना कि सरकार कानून के जरिए इसे अनिवार्य करे. प्रसाद ने कहा कि जो सरकार की आलोचना करना चाहते हैं और “ज्ञान” देना चाहते हैं, उसके पास सोशल मीडिया पर अपनी पहचान को सामने लाने का भी साहस होना चाहिए.

सरकार ने गाइडलाइंस की घोषणा करते हुए कहा था कि नए नियमों से सोशल मीडिया कंपनियों को अधिक जिम्मेदार और जवाबदेह बनाने की जरूरत है. रविशंकर प्रसाद ने कहा, “मेरे विभाग में पिछले सालों में कई मामले सामने आए कि जो पीड़ित हैं, उनकी आवाजों और चिंताओं को नहीं सुना जा रहा है. हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप (सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म) शिकायतों को कैसे निपटा रहे हैं. कई मामलों में वे इसे खारिज कर सकते हैं. ये यूजर और कंपनी के बीच है. सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी.”

ट्विटर के साथ तकरार के बाद आया गाइडलाइंस

किसानों के प्रदर्शन से संबंधित कई मैसेज और ट्वीट पर ट्विटर के साथ लंबे तकरार के बाद सरकार ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म और नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी प्लैटफॉर्म का “दुरुपयोग” रोकने के लिए 25 फरवरी को नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की थी. इसके तहत उन्हें आपत्तिजनक सामग्री को तुरंत हटाना होगा और जांच में सहायता करनी होगी. साथ ही उन्हें शिकायत समाधान तंत्र स्थापित करना होगा.

भारत में 53 करोड़ वॉट्सऐप और 41 करोड़ फेसबुक यूजर्स

सोशल मीडिया कंपनियों को अपने यूजर्स को बताना होगा कि किसी प्रकार की झूठी, फर्जी, भ्रामक या मानहानि से जुड़ी सूचना की जानकारी देने, दिखाने, अपलोड करने, मोडिफाई करने, प्रसारित करने, स्टोर करने, अपडेट करने या शेयर करने की मनाही होगी. नियमों का पालन करने के लिए कंपनियों को कम से कम साल में एक बार अपने यूजर्स को बताना होगा. नियमों का पालन नहीं करने पर कंपनियां अपने यूजर्स के एक्सेस को कंप्यूटर रिसोर्स से फौरन हटा सकेंगी. कंपनियों को एक्सेस हटाने का अधिकार दिया गया है. यूजर्स की शिकायत का समाधान 15 दिन के भीतर करना होगा.