रांची। झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार को गिराने की साजिश रचने के मामले में मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान कर रही ईडी को शुक्रवार कांग्रेस कोटे के जामताड़ा के विधायक डा. इरफान अंसारी से पूछताछ करनी थी, लेकिन आज वह नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने पूछताछ के लिए दो हफ्ते का समय मांगा है। इस प्रकरण में सोमवार 16 जनवरी को खिजरी के विधायक राजेश कच्छप व मंगलवार 17 जनवरी को कोलेबिरा के विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी से पूछताछ होगी। तीनों ही विधायकों को पिछले हफ्ते ईडी ने समन कर पूछताछ के लिए बुलाया था। तीनों ही विधायक गत वर्ष 30 जुलाई को हावड़ा में 49 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार हुए थे।
इरफान अंसारी को सुबह 11 बजे पहुंचना था ईडी ऑफिस
पहले सूचना मिली थी कि डा. इरफान अंसारी शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे ईडी के रांची एयरपोर्ट रोड स्थित दफ्तर जाएंगे, जहां ईडी के अधिकारी उनका बयान दर्ज करेंगे। इस दौरान ईडी यह जानने का प्रयास करेगी कि झारखंड में महागठबंधन की सरकार गिराने के लिए किसने क्या पहल की थी और इस आरोप में कितनी सच्चाई है। हालांकि, आज वह पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे। इस बीच, विधायक डाक्टर इरफान के वकील चंद्रभानु ईडी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने बताया कि मेडिकल ग्राउंड पर ईडी से दो हफ्ते का समय मांगा गया है। ईडी को ईमेल के माध्यम से आग्रह भेजा गया है, लेकिन वह फिजिकली भी आकर आवेदन दिए हैं। बहरहाल, ईडी की ओर से उनके आवेदन पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
अनूप सिंह ने विधायकों पर लगाया था सनसनीखेज आरोप
गौरतलब है कि कोलकाता में जब तीनों विधायक पकड़े गए थे, तब यह बात सामने आई थी कि ये ही तीनों विधायक हेमंत सोरेन की सरकार गिराने की साजिश रचने में शामिल हैं। इस घटना के अगले ही दिन यानी 31 जुलाई को बेरमो से कांग्रेस के विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने रांची के अरगोड़ा में जीरो एफआइआर दर्ज कराकर व सनसनीखेज आरोप लगाकर यह सरगर्मी बढ़ा दी थी कि उन्हें भी दस करोड़ रुपये के अलावा मंत्री पद का आफर दिया गया था।
अनूप सिंह का आरोप साजिश अभियान के कर्ता-धर्ता असम के सीएम
अनूप सिंह ने दावा किया था कि भाजपा से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सरकार गिराने की साजिश अभियान को संभाल रहे थे। तीनों ही विधायक उन्हें असम के मुख्यमंत्री से मिलाने के लिए गुवाहाटी ले जाना चाहते थे। हालांकि, हावड़ा में पकड़े जाने के बाद विधायकों ने बताया था कि उनका पैसा वैध था और वे अपने क्षेत्र की महिला मतदाताओं के लिए साड़ी खरीदने गए थे। उनका दावा था कि सभी रुपये उसी मद के थे, जिसे बंगाल पुलिस ने पकड़ा था।
अनूप के आरोप को विधायकों ने किया खारिज
तीनों ही विधायकों ने अनूप सिंह के दावे को एक सिरे से खारिज किया था। इस पूरे प्रकरण में ईडी ने गत 24 दिसंबर को अनूप सिंह का बयान दर्ज किया था, जिसमें अनूप सिंह ने अपने उसी बयान को दोहराया, जो उन्हें कोलकाता सीआइडी के सामने दिया था।