मऊ

सियासी ड्रामा निकला ‘स्याही’ हमला… दारा चौहान के करीबी भाजपा नेता प्रिंस को बताया घटना का सूत्रधार! जिसे नहीं पकड़ पाया दारा का गनर, उसने सरेंडर कर दिया थाने जाकर: रिपोर्ट/ऋषिकेश पांडेय


सियासी ड्रामा निकला ‘स्याही’ हमला
दारा चौहान के करीबी भाजपा नेता प्रिंस को बताया घटना का सूत्रधार
जिसे नहीं पकड़ पाया दारा का गनर, उसने सरेंडर कर दिया थाने जाकर

(ऋषिकेश पांडेय)

ऊ। पांच सितंबर को होने वाले घोसी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान पर रविवार को कोपागंज थाना क्षेत्र के अदरी नगरी में हुआ ‘स्याही’ हमला एक सियासी ड्रामा निकला। जिस हमलावर को पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान का कार्बाइन धारक सरकारी गनर नहीं पकड़ सका,वह सोमवार को बड़े आराम से कोपागंज थाने पर जाकर सरेंडर कर दिया।थाने में घुसते समय सुबह से ही उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। जिसमें वह यह कहते हुए थाने में प्रवेश कर रहा है कि यह घटना खुद भाजपा के लोग ही करवा रहे हैं। भाजपा नेता एवं जिला पंचायत सदस्य के पति प्रिंस यादव के कहने पर कि हम लोगों का चुनाव फंस रहा है। तुम यह काम कर दो,हम तुम्हें बचा लेंगे के भरोसे पर ही उसने इस घटना को अंजाम दिया है।यह पूछे जाने पर कि घटना में और कौन -कौन शामिल थे और वीडियो कौन बना रहा था?उसका कहना था कि वह अकेले था और वीडियो भाजपा के लोग ही बना रहे थे।यह कहते हुए वह कोपागंज थाने में बेरोकटोक घुस जाता है और एक सिपाही उसे अंदर कमरे में लेकर चला जाता है। लेकिन,इस सियासी ड्रामे का पर्दा अभी गिरता नहीं है। बल्कि ड्रामा और अधिक सस्पेंस पैदा कर देता है। इसके साथ ही क्रिया -प्रतिक्रिया का दौर शुरू हो जाता है।कथित हमलावर जिस प्रिंस का नाम ले रहा है।अब वे सोशल मीडिया के सामने आते हैं और खुद को दो दिनों से अपने को भाजपा के एक कार्यक्रम में कुशीनगर में होना बता रहे हैं और सरेंडर करने वाले को पहचानने से इंकार कर रहे हैं।

इस बीच सीओ सिटी धनंजय मिश्रा का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने लगता है। जिसे थोड़ी ही देर में नेशनल चैनल फ्लैश करने लगते हैं।सीओ सिटी का कहना है कि घटना से पूर्व तथाकथित हमलावर से भाजपाई प्रिंस यादव की बात सामने आ रही है। जिसमें वह प्रिंस की पार्टी के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान के बारे में कहता है कि तोहार नेता हमरी गांव में ना अइहें? जिसके जवाब में प्रिंस कहता है कि गांव में का तोहरे घरे ले जईहें।कोई डर है क्या?तब वह प्रिंस से उनके ऊपर स्याही फेंकने की बात कहता है।तब प्रिंस उसे स्याही फेंकने की चुनौती देते हैं और इसके बाद यह घटना घट जाती है। इसके बाद सपा और भाजपा उम्मीदवारों के बीच आरोप -प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है। जो न सिर्फ बड़े पैमाने पर डिबेट का मुद्दा बन जाता है बल्कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का भी संबंधित ट्वीट सामने आ जाता है। दारा सिंह चौहान के बार-बार दल बदलकर चुनाव मैदान में आने और सपा विधायक होते हुए अकारण विधानसभा से इस्तीफा देकर फिर भाजपा में शामिल होने और उसी घोसी से फिर भाजपा उम्मीदवार बनकर चुनाव मैदान में आने से शुरू हुए व्यापक विरोध के बीच हुए ‘स्याही’ हमले ने एक दिन में ही उपचुनाव की दशा और दिशा बदल दिया है। चारों तरफ बस ‘स्याही’ कांड की ही चर्चा सुनने को मिल रही है।इस कांड का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि दारा सिंह चौहान की सुरक्षा में जो सरकारी गनर तैनात है।वह कार्बाइन लेकर भी एक निहत्थे हमलावर को नहीं पकड़ पा रहा है। ऐसे में सशस्त्र हमलावरों से वह दारा सिंह चौहान की सुरक्षा कैसे करेगा? चर्चा इस बात पर न होकर उपचुनाव में जातीय उन्माद भड़काने की दिशा में कुछ ज्यादा ही हो रही है। जिससे शासन -प्रशासन को चाहिए कि वह जनपद में अमन -चैन बनाये रखने के लिए अपनी मशीनरी को और सक्रिय करे। क्यों कि कहीं ऐसा न हो कि घोसी उपचुनाव में शुरू हुआ सियासी ड्रामा सियासत की कोई और घिनौनी नई स्क्रीप्ट न लिख दे।