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सीएम केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में पेश किया विश्वास प्रस्ताव, बोले- अगर सदन में विपक्ष होता तो अच्छा रहता


नई दिल्ली, । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा सदन में बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पेश किया और दावा किया कि विपक्षी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते थे, लेकिन पर्याप्त विधायकों का समर्थन हासिल नहीं कर सके।

सीएम केजरीवाल ने कहा, “हमें पता चला कि विपक्षी सदस्य हमारे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते थे। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए सदन के 20 प्रतिशत सदस्यों के हस्ताक्षर आवश्यक हैं। दिल्ली विधानसभा में 70 सदस्य हैं, जिसका मतलब है कि हस्ताक्षर 14 सदस्यों की जरूरत है।”

सत्ता पक्ष के विधायकों ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी की सरकार गिराने की कोशिश की हो, कल तक भाजपा अविश्वास प्रस्ताव पेश करना चाह रही थी, मगर जब उन्हें लगा कि दिल्ली में उनकी बात नहीं बन रही है तो मंगलवार रात को इन्होंने अपना अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लिया।

आप विधायकों ने कहा कि भाजपा यह अभियान पूरे देश में चला रही है कि एक तो सरकार बनाने की कोशिश करती है और जब कामयाब नहीं होती है तो विधायकों को खरीद लेती है। मगर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के सामने उनका प्लान फेल हो जाता है। यहां भाजपा की दाल नहीं गलती है।

भाजपा में आखिर चल क्या रहा है? -AAP

आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ ने कहा कि 70 सदस्यीय विधानसभा में आठ सदस्यों वाली भाजपा जब अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात करती है तो यह चिंता जरूर होती है कि भाजपा में आखिर चल क्या रहा है? क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव के लिए 70 में से कम से कम 14 सदस्य चाहिए होते हैं, मगर इनके पास आठ सदस्य ही हैं तो यह किस आधार पर प्रस्ताव लाने की बात कर रहे थे। दिल्ली में इनके प्रयास सफल नहीं होंगे, यहां अरविंद केजरीवाल की सरकार है। जिनके विधायकों का संकल्प है कि मिट जाएंगे, मर जाएंगे मगर इनके (भाजपा) आगे झुकेंगे नहीं।

भाजपा विधायक अनिल बाजपेयी ने कहा कि मैं इस प्रस्ताव का विरोध कर रहा हूं। दिल्ली की आप सरकार जनता से झूठे वादे करती है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि 1000 मोहल्ला क्लीनिक बनाएंगे, मगर नहीं बना पाए, 100 पोली क्लीनिक बनाने की बात कही, मगर वह भी नहीं बनाए। यह सरकार झूठ पर खड़ी है।

भाजपा के चार विधायकों को बाहर निकाला गया

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भाजपा विधायक दिल्ली विधानसभा में शराब के मुद्दे पर चर्चा करना चाह रहे थे, लेकिन स्पीकर ने इससे इनकार कर दिया। आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने एक उत्सव के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज की छात्राओं के साथ बदसलूकी का मुद्दा उठाया और राष्ट्रीय राजधानी में खराब कानून-व्यवस्था के लिए एलजी को जिम्मेदार ठहराया। इस बीच, सदन में चर्चा के लिए उठाए जाने वाले मुद्दों पर अध्यक्ष राम निवास गोयल के साथ बहस के बाद भाजपा के चार विधायकों को मार्शल की मदद से सदन से बाहर कर दिया गया।