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स्वच्छ पानी का नागरिकों का अधिकार लागू करने की जिम्मेदारी राज्य की: NGT


  • नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने स्वच्छ जल के नागरिकों के अधिकार को लागू करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाना राज्य की जिम्मेदारी बताते हुए एक समिति का गठन किया और उसे पंजाब के संगरूर जिले में एक गांव में भूजल की स्थिति पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय चंडीगढ़ के क्षेत्रीय अधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों, पंजाब के पर्यावरण विभाग सचिव द्वारा नामित अधिकारी और संगरूर के जिलाधिकारी को शामिल करते हुए एक समिति गठित की। एनजीटी ने पाया कि यह समस्या 10 वर्ष से ज्यादा वक्त से है और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक 15 साल पहले बंद हो चुका एक निजी कारखाना पानी के दूषित होने के लिए जिम्मेदार है। पीठ ने कहा कि यह भी पता चला है कि इस अधिकरण ने उक्त कारखाने पर पर्यावरण को बहाल करने के लिए दो करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था लेकिन राशि वसूली नहीं जा सकी। पीठ ने कहा, ‘अगर खबर सही है तो प्रदूषित जल के निवासियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की क्षमता है। ऐसी स्थिति में, यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह स्वच्छ जल के नागरिकों के अधिकार को लागू करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए।’