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हरियाणा विधानसभा: जबरन मतांतरण पर अब दस साल तक कैद, विरोध के बीच बना कानून


 चंडीगढ़। हरियाणा में अब किसी ने जबरन या लालच देकर मतांतरण कराया तो दोषी को दस साल तक की जेल काटनी पड़ेगी। नए कानून में विवाह के लिए झूठ बोलकर, अनुचित प्रभाव डालकर, प्रलोभन देकर या डिजिटल संसाधनों का इस्तेमाल कर मतांतरण कराने वाले को न्यूनतम एक साल और अधिकतम पांच साल की सजा तथा एक लाख रुपये जुर्माने की सजा का प्रविधान किया गया है।

विवाह के लिए धर्म छिपाने, मतांतरण करने पर तीन से दस साल की सजा और तीन लाख रुपये जुर्माना किया जाएगा। व्यक्तिगत या संगठनों द्वारा सामूहिक मतांतरण कराने वालों को पांच से दस साल की सजा के साथ ही चार लाख रुपये तक का जुर्माना चुकाना पड़ेगा।

रियाणा विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को करीब डेढ़ घंटे तक चली बहस, हंगामे और कांग्रेस के वाकआउट के बीच हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक-2022 पारित हो गया। हरियाणा से पहले उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक यह कानून पारित कर चुके हैं। हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक-2022 के अनुसार राज्य में जबरन मतांतरण करवाने वालों के खिलाफ सजा की तीन श्रेणी बनाई गई हैं।

विधानसभा पटल पर जैसे ही सरकार की ओर से जबरन मतांतरण विरोधी कानून लाया गया, पूर्व में बिल की प्रति फाड़ चुके कांग्रेस विधायक रघुबीर कादियान ने आपत्ति जताते हुए इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की।

पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जब पहले ही जबरन मतांतरण पर भारतीय दंड संहिता में सजा का प्रविधान है तो नया बिल लाने की जरूरत क्या है। पहले संसद में ऐसा बिल पास कराया जाए। उसके बाद हरियाणा में कानून बने।