पटना

हर व्यक्ति की तकलीफ दूर करने के लिए हम प्रयत्नशील : शाहनवाज


बिहार स्पन सिल्क मिल के कर्मचारियों के 25 साल से बकाया वेतन का भुगतान

पटना (आससे)। भागलपुर के रेशम भवन में बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड की इकाई बिहार स्पन सिल्क मिल के कर्मचारियों के लंबित वेतन भुगतान कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने बिहार स्पन सिल्क मिल के ३५२ कर्मचारियों के वर्ष १९९७ से लंबित वेतन के रूप में १५.६० करोड़ रुपयों की राशि का भुगतान किया। कोविड-१९ निर्देशों का पालन करते हुए कार्यक्रम में मात्र ३२ कर्मचारियों को सांकेतिक रूप से चेक प्रदान किया गया। निगम की ओर से भुगतान डिजिटल माध्यम से कर्मचारियों के बैंक खाते में किया जायेगा।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व और निर्देशन में हम नये उद्योगों को लगाने के साथ-साथ पुरानी समस्याओं के समाधान में भी लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत १६०० नये उद्यमियों को दस-दस लाख रुपयेां की सहायता के लिए चयनित किया गया हें, जिसमें ४२६ लाभुक भागलपुर के हैं। नये उद्यमी बिहार की तकदीर और तस्वीर बदलेंगे।

उन्होंने कहा कि भागलपुर की हर पहचान कतरनी चूड़ा, रेशम, हथकरघा, मंजूषा शैली की पेंटिंग आदि के विकास के लिए वह उद्योग विभाग के माध्यम से काम कर रहे हैं। भागलपुर से उनका रिश्ता नि:स्वार्थ है। यह रिश्ता बहुत पुराना है। लेकिन पूरे बिहार रज्य का मंत्री होने के चलते उन्हें बिहार की १४ करोड़ आवाम की चिंता करनी है।

उन्होंने कहा कि भागलपुर मं बुनकरों की मदद के लिए नया ड्राइंग हाउस, डिजाइन स्टूडियो, ८ करोड़ की लागत से प्रशिक्षण केन्द्र यह छात्रावास, लोदीपुर में बुनकर कलस्अर जेसी योजनाओं की स्वीकृति दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड की इकाई के रूप में बिहार स्पन सिल्क मिल की स्थापना की प्रक्रिया १९६२ ई। में प्रारंभ की गयी। इस मिल में उत्पादन १९७४ में प्रारंभ हुआ। बिहार स्पन सिल्क मिल, भागलपुर में बनाये गये रेशम की प्रसिद्धि देश-विदेश में रही। इस मिल के धागे का निर्यात बांग्लदेश और यूरोप के कई देशों में भी हुआ करता था। रेशम का वस्त्र उत्पादित करने वाली स्थानीय इकाइयों मं भी बिहार स्पन सिल्क मिल में बनाये गये धागे का इस्तेमाल होता था।

कतिपय कारणों जैसे इकाई का आधुनिकीकरण न होना और कार्यशील पूंजी के अभाव के कारण मिल में उत्पादन १९९३ से बंद हो गया। उत्पादन बंद होने एवं अर्थाभाव के कारण कर्मचारियों के वेतन एवं सेवांत लाभ का भुगतान वर्ष १९९७ से रुक गया। उन्होंने कहा कि उद्योग मंत्री का प्रभार लेने के साथ ही वह कर्मचारियों के बकाया वेतन के भुगान में लग गये और जरूरी दिर्नेश अधिकारियों को दिया। पिछले साल अगस्त महीने में सभी कर्मचारियों को ६ महीने के बकाये वेतन का भुगतान किया गया था। इस बार ८ साल के बकाये वेतन का भुगतान किया जा रहा है। कार्यक्रम में भागलपुर सदर के विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाह हुसैन से भागलपुर को बड़ी उम्मीद है और वह सिल्क नगरी को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।

कार्यक्रम में बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि सभी कर्मचारियों के कुल बकाया की गणना चार्टर्ड अकाउंटेंट को लगाकर की गयी है और उनका कुल बकाया लगभग ४२ करोड़ निकला हे। विशेष सचिव दिलीप कुमार ने बताया कि बिहार में उद्योग विभाग के अधीन जो भी पुरानी इकाइयां एवं निगम हें, उनके कर्मचारियों के लंबित वेतन के भुगतान के लिए सरकार कृतसंकल्प है।