पटना

पटना: नियमावली से चलेगा विश्वविद्यालय सेवा आयोग


अध्यक्ष को दी गयीं शक्तियां, तय हुए आयोग द्वारा किये जाने वाले कार्य

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के कार्यों का संचालन अब ‘बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग कार्य संचालन नियमावली, 2021 से होगा। नियमावली में अध्यक्ष को शक्तियां दी गयी हैं। इसके साथ ही आयोग द्वारा किये जाने वाले कार्य भी तय किये गये हैं।

यह नियमावली राज्य सरकार से अधिसूचित हो गयी है। राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से यह लागू हो जायेगी। इसके तहत अध्यक्ष के जिम्मे सामान्य प्रशासन, बजट की स्वीकृति और अन्य वित्तीय विषय होंगे। वे आयोग के कार्यों का समन्वय करेंगे। इसके तहत आयोग की बैठक बुलायेंगे। राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष का सम्मेलन और अन्य राज्यों के साथ पत्राचार करेंगे। अध्यक्ष अपनी ओर से सम्मेलन में भाग लेने के लिए आयोग के सदस्य को मनोनीत कर सकेंगे। साक्षात्कार बोर्ड का गठन करेंगे। आयोग या साक्षात्कार बोर्ड की सहायता के लिए परामर्शियों या विशेषज्ञों का चयन करेंगे। साक्षात्कार की तिथियां नियत करेंगे। मुकदमेबाजी से संबंधित सभी विषय, जिसमें आयोग पक्षकार हो, में वकीलों को रखने तथा विधि खर्चे की प्रतिपूर्ति की शक्ति भी अध्यक्ष के पास ही होंगे। चयनित अभ्यर्थियों की अनुशंसा का अनुमोदन एवं सदस्यों के बीच कार्यों का आवंटन भी अध्यक्ष ही करेंगे। इसके साथ ही अध्यक्ष को और भी कई अधिकार दिये गये हैं।

इसी प्रकार आयोग द्वारा किये जाने वाले कार्यों में वार्षिक प्रतिवेदन, किसी मामले में नीति निर्धारण, किसी मामले में अपेक्षित हो तो वर्तमान नीति में संशोधन या पुनरीक्षण, अपने कार्यों को करने के लिए आयोग की कार्य संचालन नियमावली का निर्माण तथा वर्तमान कार्य संचालन नियमावली में संशोधन अथवा परिवर्तन, आयोग के कार्यों का विस्तार तथा अन्य विषय जिसे अध्यक्ष आयोग के समक्ष विचार या निर्णय के लिए रखना चाहे, शामिल होंगे।

नियमावली में किये गये प्रावधान के मुताबिक शिक्षकों के पद पर अनुशंसा के लिए विभाग से मांग प्राप्त हो जाने के पश्चात आयोग रिक्तियों की संख्या विज्ञापित करेगा तथा मांग में दिये गये ब्योरे के अनुसार आवेदन आमंत्रित करेगा। ऐसे विज्ञापन से प्राप्त आवेदन की संवीक्षा कार्यालय के पदाधिकारी, जो उप सचिव के नीचे के नहीं होंगे, द्वारा की जायेगी। उसके बाद इसे अध्यक्ष द्वारा मनोनीत तीन सदस्यों की समिति के समक्ष रखा जायेगा। मतभिन्नता नहीं होने की दशा में साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों का चयन आयोग द्वारा अनुमोदित किया जायेगा।

मतभिन्नता की स्थिति में अंतिम निर्णय के लिए अध्यक्ष मामले को आयोग में भेज सकेंगे। यदि विज्ञापन से प्राप्त आवेदनों की संख्या अधिक होगी, तो साक्षात्कार के लिए बुलाये जाने हेतु अभ्यर्थियों की लघु सूची तैयार करने के लिए मापदंड अपनाये जायेंगे। साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों का चयन उनके वृत्ति (कैरियर) अंकों के आधार पर किया जायेगा, जिसकी गणना स्नातक से आगे अंतिम परीक्षा में प्राप्त अंकों के प्रतिशत के आधार पर होगी। साक्षात्कार के लिए बुलाये जाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या समय-समय पर आयोग द्वारा विनिश्चित की जायेगी।

अंतिम मेधा सूची तैयार की जायेगी और अध्यक्ष द्वारा मनोनीत तीन सदस्यों की समिति के समक्ष इसे जांच के लिए रखी जायेगी। समिति द्वारा जांच किये जाने के पश्चात यह आयोग के समक्ष रखी जायेगी और अनुमदनोपरांत सचिव द्वारा सरकार के सम्बद्ध विभाग को अनुशंसा भेज दी जायेगी।